द लोकतंत्र : दिल्ली के शराब नीति केस में बीते 14 महीने से तिहाड़ जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है। मंगलवार को सिसोदिया की जमानत याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट में खारिज हो गई। सिसोदिया ने मुकदमे में देरी के आधार पर जमानत मांगी थी। CBI और ED ने उनकी जमानत का विरोध किया था। इससे पहले 25 अप्रैल को सीबीआई केस में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अदालत ने सात मई तक बढ़ा दी।
सिसोदिया की भ्रष्टाचार मामले में न्यायिक हिरासत की अवधि 24 अप्रैल को समाप्त हो रही थी। सीबीआई ने अदालत से सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। जमानत का विरोध करते हुए जांच एजेंसी ने कहा था कि सिसोदिया घोटाले के किंगपिन हैं इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए, अगर इनको जमानत दी गई तो सिसोदिया सबूतों से छेडछाड कर सकते हैं। गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उधर, कहा जा रहा है कि राउज एवेन्यू कोर्ट से मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब मनीष सिसोदिया हाईकोर्ट जायेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट जाएंगे सिसोदिया
दरअसल, कुछ दिन पहले ही मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज याचिका को खारिज कर दिया है। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। वहीं, अब निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट जाएंगे।
सिसोदिया हैं किंगपिन
ईडी ने आरोप लगाया कि आरोपी आबकारी नीति से उत्पन्न अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी हैं। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। लाइसेंस शुल्क माफ व कम कर दिया गया। वहीं, एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना बढ़ाया गया।
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सीबीआई और ईडी की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि जमानत देने के लिए यह सही समय नहीं है। अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ-साथ सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।