द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने न सिर्फ राजनीतिक समीकरण बदल दिए, बल्कि पुराने विवाद भी नए सिरे से चर्चा में आ गए हैं। राजद (RJD) की ऐतिहासिक हार और मात्र 25 सीटें जीतने के बाद पार्टी के पूर्व नेता मदन शाह का एक माह पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वही वीडियो है जिसमें टिकट कटने से नाराज मदन शाह ने कहा था कि RJD 25 सीटों पर सिमट जाएगी, यह मेरा श्राप है। चुनाव परिणाम आने के बाद लोगों ने उसी वीडियो को जोड़कर कहा कि मदन शाह की भविष्यवाणी सच साबित हो गई।
भगवान जो करते हैं, अच्छे के लिए करते हैं
चुनाव के बाद खुद मदन शाह भी सामने आए और कहा कि पार्टी की हार दुखद है, लेकिन भगवान जो करते हैं, अच्छे के लिए करते हैं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी अंदरूनी गुटबाज़ी और गलत नेतृत्व के चलते टूट रही है। उनके मुताबिक, कुछ लोग पार्टी को जानबूझकर बर्बाद कर रहे हैं। जब तक ऐसे लोगों को बाहर नहीं किया जाएगा, RJD का भला नहीं हो सकता।
दरअसल, पिछले महीने टिकट कटने के बाद मदन शाह ने बेहद आक्रामक बयान दिया था। उन्होंने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था, तेजस्वी बहुत घमंडी हैं, लोगों से मिलते नहीं। टिकट बांटने में संजय यादव की मनमानी चलती है। ऐसे में सरकार कैसे बनेगी? यही नहीं, उन्होंने उस समय यह भी कहा था कि RJD द्वारा उम्मीदवार बनाया गया संतोष कुशवाहा ‘बीजेपी का एजेंट’ है।
जमीन बेचकर पार्टी के लिए काम किया – मदन शाह
मदन शाह का दर्द सिर्फ टिकट कटने तक सीमित नहीं था। उन्होंने बताया कि वे 90 के दशक से पार्टी के लिए लगातार काम कर रहे हैं और लालू प्रसाद यादव ने उनसे टिकट देने का वादा किया था। उनके अनुसार, 2020 में रांची बुलाकर लालू यादव ने तेली समुदाय का सर्वे करवाया था और कहा था कि मदन शाह मधुबन सीट से आसानी से जीत सकते हैं। मैं गरीब आदमी हूं, जमीन बेचकर पार्टी के लिए काम किया, लेकिन आख़िर में मुझे हाशिए पर कर दिया गया, मदन शाह ने कहा था।
अब जबकि RJD सचमुच 25 सीटों पर सिमट गई है, मदन शाह का यह बयान राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ चुका है। पार्टी के भीतर पहले से ही मनमुटाव और नेतृत्व पर सवाल उठ रहे थे, चुनावी हार के बाद इन आवाज़ों ने और जोर पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा गर्म है कि क्या मदन शाह की ‘भविष्यवाणी’ सिर्फ नाराज़गी का नतीजा थी या पार्टी की टूटती संरचना का संकेत?
RJD के भीतर जारी उथल-पुथल, टिकट बंटवारे पर उठते सवाल, और तेजस्वी के नेतृत्व पर बढ़ती आलोचना के बीच मदन शाह का यह वीडियो उस असंतोष की याद दिलाता है जिसे चुनावी आंकड़ों ने पूरी तरह उजागर कर दिया है। बिहार की राजनीति में यह प्रकरण अब एक नए राजनीतिक विमर्श का केंद्र बन चुका है कि क्या RJD को खुद को संभालने के लिए भीतर से एक बड़े सुधार की जरूरत है।

