द लोकतंत्र : बात अगर Bihar की सियासी तस्वीर की हो तो कोई भी यह दावे के साथ नहीं कह सकता कि अगले पल यहाँ क्या होगा? कोई भी सियासी समीकरण यहाँ टेम्पररी ही होती है और पल पल में तस्वीर बदलती रहती है। बिहार में सोमवार (12 फरवरी) को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले जहां आरजेडी दावा कर रही है कि वे ‘खेला’ कर देंगे तो वहीं सुशासन बाबू कह रहे हैं कि सारा मामला सेट है और अंडर कंट्रोल है।
Bihar में फ्लोर टेस्ट की अग्नि परीक्षा से गुजरेंगे सुशासन बाबू
हालाँकि, नीतीश कुमार के दावे के विपरीत फ्लोर टेस्ट से पहले जेडीयू द्वारा रविवार (11 फरवरी) को बुलाये गये विधायक दल की बैठक में कथित तौर पर कुछ विधायकों के शामिल न होने से सुशासन बाबू की नींद उड़ी हुई है। और शायद इसी वजह से नीतीश कुमार ने तय किया कि वह आरजेडी नेता तेजस्वी को भी सोने नहीं देंगे। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के बहुमत परीक्षण से ठीक पहले देर रात तेजस्वी यादव के घर भारी मात्रा में पुलिस बल पहुँच गई जिससे पटना की सर्द रात में सियासी माहौल गरम हो गया।
बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद के गायब होने की लिखित सूचना पर बिहार पुलिस उन्हें ढूढ़ने तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंच गई। पटना में तेजस्वी यादव के आवास पर पुलिस के पहुंचने के बाद राजद ने एक्स पर लिखा, नीतीश कुमार ने सरकार जाने के डर से हजारों की संख्या में पुलिस भेज तेजस्वी जी के आवास को चारों तरफ से घेर लिया है। ये किसी भी तरह से किसी भी बहाने आवास के अंदर घुस कर विधायकों के साथ अप्रिय घटना करना चाहते हैं। बिहार की जनता नीतीश कुमार और पुलिस के कृत्य को देख रही है। पोस्ट में आगे कहा गया है कि याद रहे हम डरने और झुकने वालों में से नहीं है। ये विचारधारा का संघर्ष है और हम इसे लड़ेंगे और जीतेंगे क्योंकि बिहार की न्यायप्रिय जनता इस पुलिसिया दमन का प्रतिकार करेगी। जय बिहार! जय हिन्द!
बहुमत का गणित साधना चुनौती
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटे हैं। बहुमत का आंकड़ा 122 है। हालाँकि एनडीए के पास बहुमत से ज़्यादा 128 विधायक हैं। इनमें से बीजेपी के 78 सीटें, जेडीयू के पास 45 सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के पास 4 सीटें और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी साथ हैं। वहीं, अगर बात करें विपक्ष की तो आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीआई (एम) के 2, सीपीआई के 2 विधायक हैं। इस तरह विपक्ष के पास कुल 114 विधायक हैं।
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लेकिन यहाँ पेंच फँस गया है। जानकारी के मुताबिक़ एनडीए के 8 विधायक लापता हैं और संपर्क में नहीं है। नीतीश कुमार के लिए यही अग्निपरीक्षा है कि वह बहुमत सिद्ध कर ले जाये। अगर एनडीए के लापता आठ विधायक कल अनुपस्थित रहते हैं तो नीतीश बाबू अग्नि परीक्षा पास नहीं कर पायेंगे और सरकार गिर जाएगी। वहीं, अगर वह आठों विधायक ऑपरेशन लालटेन के शिकार बन गए तो तेजस्वी यादव बाज़ीगर बनकर उभरेंगे।