Politics

नीतीश-नायडू नहीं छोड़ेंगे एनडीए का साथ, मोदी सरकार 3.0 का रास्ता साफ

Nitish-Naidu will not leave NDA, the way is clear for Modi Government 3.0

द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित होने के साथ नयी सरकार के गठन को लेकर शतरंज की बिसात बिछायी जानी शुरू हो गई है। इस चुनाव में बीजेपी अकेले के दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी लेकिन NDA गठबंधन को सबसे अधिक 293 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, इंडिया अलायंस के खाते में 234 सीटें और अन्य के खाते में 16 लोकसभा सीटें आई हैं। इंडिया गठबंधन नीतीश-नायडू पर डोरे डाल रही है ताकि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए ज़रूरी जादुई आँकड़े से दूर किया जा सके।

हालाँकि सरकार बनाने के लिए BJP की टेंशन खत्म होती दिख रही हैं क्योंकि नीतीश-नायडू ने एनडीए के साथ जाने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है। दरअसल, नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगू देशम पार्टी के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी का समर्थन सरकार बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी पार्टी के पास अकेले के दम पर बहुमत का आँकड़ा नहीं है ऐसे में 2024 में यह दोनों पार्टियाँ किंगमेकर की भूमिका में हैं। ऐसे में तमाम विश्लेषकों द्वारा यह आशंकाएं जताई जा रही थी कि JDU और टीडीपी NDA का हिस्सा होने के बावजूद कोई खेल कर सकती है जिससे नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का सपना टूट सकता है।

नीतीश-नायडू तैयार, तीसरी बार मोदी सरकार

बक़ौल जदयू नेता केसी त्यागी उनकी पार्टी एनडीए के साथ ही रहेगी। उनके मुताबिक़ जदयू बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करेगी। केसी त्यागी ने कहा कि, हम एनडीए का हिस्सा हैं और हमने पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है। नीतीश कुमार दिल्ली में हैं और वह वह समर्थन पत्र सौंपेंगे, जिसमें जेडी(यू) ने नरेंद्र मोदी को पीएम के रूप में प्रस्तावित किया है।

वहीं, टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने भी कहा कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, आप हमेशा खबर चाहते हैं। मैं अनुभवी हूं और मैंने इस देश में कई राजनीतिक परिवर्तन देखे हैं। हम एनडीए में हैं, मैं एनडीए की बैठक में जा रहा हूं। समय आने पर हम इसकी रिपोर्ट देंगे।

सहयोगी दल बीजेपी से करेंगे हार्ड बार्गेनिंग

मोदी सरकार 3.0 का रास्ता इतना भी आसान नहीं हैं जितना दिखायी पड़ रहा है। पूर्ण बहुमत न होने की वजह से मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल कई शर्तों और समझौतों से प्रभावित होगा। सरकार बनाने में सहयोगी दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होने के नाते बीजेपी से हार्ड बार्गेनिंग की जा रही है। टीडीपी-जदयू द्वारा कई ऐसी शर्तें रखी जा सकती हैं जिसको लेकर बीजेपी असहज हो सकती है। हालाँकि अभी तक स्थिति साफ़ नहीं हुई है कि किन शर्तों और समझौतों के साथ यह दोनों दल बीजेपी के साथ जा रहे हैं।

बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा में 240 सीटें जीती हैं, जो लोकसभा में बहुमत के आंकड़े से 32 कम है। इसके अलावा विपक्षी दलों के गठबंधन ने 230 से अधिक सीटें जीती हैं। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश में 16 और और नीतीश कुमार की जेडी(यू) ने बिहार में 12 सीटें जीती हैं। वहीं अन्य के खाते में 16 सीटें आयी हैं।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Rahul Gandhi
Politics

PM मोदी के बयान पर राहुल बोले – आप हमें जो चाहें बुलाएं, लेकिन हम INDIA हैं

द लोकतंत्र : पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन का INDIA नाम रखने पर कहा कि विपक्ष का गठबंधन
Amit Shah in Parliament
Politics

अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा

द लोकतंत्र : मणिपुर मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। अमित शाह ने चिट्ठी लिखकर