द लोकतंत्र/ महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा है कि यदि यह प्रणाली लागू की जाती है तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार से दूर रहना चाहिए। ठाकरे ने यह टिप्पणी शिवसेना भवन, दादर में आयोजित पार्टी की अहम बैठक में की, जिसमें सांसदों, विधायकों और जिला प्रमुखों सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
हम सरकार के खिलाफ हैं, देश के नहीं: ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने बैठक में भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव, कश्मीर मुद्दे, केंद्र सरकार की नीतियों और आगामी राजनीतिक रणनीति को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया, हम देश के विरोध में नहीं हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना हमारा अधिकार है। जब भी देश पर संकट आया है, हमने हमेशा प्रधानमंत्री के साथ खड़े होकर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है। ठाकरे ने जोर देकर कहा, कश्मीर हमारा था, है और रहेगा। भले ही आने वाले समय में भाजपा रहे न रहे, लेकिन कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा।
अमित शाह पर तीखा हमला
बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा, अमित शाह तीन पार्टियों के प्रमुख हैं – बीजेपी, अजित पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना। सत्ता के इस ओवरलोडेड जहाज को डूबने से कोई नहीं बचा सकता।
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उन्होंने बीजेपी को सत्ता के घमंड से बाहर आने की सलाह देते हुए कहा, सत्ता स्थायी नहीं होती, घमंड से नहीं मेहनत से दोबारा पाई जाती है। हमारा जहाज नहीं डूबेगा, डूबने का खतरा उस ओवरलोडेड जहाज को है जिसे सत्ता की लालसा ने अस्थिर कर दिया है।
चुनाव प्रणाली पर पारदर्शिता की मांग
वन नेशन, वन इलेक्शन पर टिप्पणी करते हुए ठाकरे ने कहा कि यह प्रणाली ठीक हो सकती है, बशर्ते चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष हो। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि वास्तव में लोकतंत्र को मज़बूत करना है तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष नेता चुनाव प्रचार से अलग रहें, ताकि आम उम्मीदवारों के बीच भी बराबरी की स्थिति बन सके।