द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब इस सियासी जंग में उत्तर प्रदेश के एनडीए सहयोगी और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) बिहार में एनडीए गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी। राजभर ने बिहार की 29 सीटों पर दावेदारी ठोंक दी है, जिससे बीजेपी के सामने सीट बंटवारे का समीकरण और जटिल हो गया है।
सुल्तानपुर रैली में किया बड़ा ऐलान
बुधवार को सुल्तानपुर के इसौली में आयोजित रैली में ओम प्रकाश राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर 75 किलो का केक काटा। इस मौके पर उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बिहार में एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए की सरकार एक बार फिर बिहार में बनेगी। राजभर ने कहा, बिहार की जनता ने कांग्रेस और आरजेडी दोनों को झेला है। आरजेडी के शासनकाल में लोगों ने जंगलराज का दुख उठाया। एनडीए के सामने इंडिया गठबंधन के लोग टिक नहीं पाएंगे।
29 सीटों की मांग से बढ़ी बेचैनी
ओम प्रकाश राजभर की 29 सीटों की मांग ने बीजेपी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। बिहार में पहले से ही सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए के अंदर खींचतान चल रही है। जेडीयू, एलजेपी (राम विलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और अन्य क्षेत्रीय दल अपनी-अपनी सीटों पर मजबूत दावा कर रहे हैं। ऐसे में यूपी की सुभासपा का 29 सीटों पर दावा बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
पार्टी सूत्रों का मानना है कि बिहार के मौजूदा गठबंधन दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करना ही पहले से मुश्किल हो रहा है। सुभासपा की मांग से यह समीकरण और उलझ सकता है। बीजेपी को यह भी समझना होगा कि सुभासपा का आधार यूपी में है, जबकि बिहार में उसकी पकड़ सीमित मानी जाती है। हालांकि राजभर का तर्क है कि बिहार में भी राजभर समाज की अच्छी-खासी संख्या है और कई सीटों पर यह समाज निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
पटना में दिखाया ताकत, 20 साल का अनुभव बताया
राजभर ने बीते शुक्रवार पटना में पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया था। इसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुभासपा पिछले 20 वर्षों से बिहार में सक्रिय है। पंचायत चुनावों से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक पार्टी ने लगातार हिस्सा लिया है। उन्होंने दावा किया कि बिहार बीजेपी और राष्ट्रीय नेतृत्व से सीट बंटवारे पर लगभग 70 प्रतिशत बातचीत हो चुकी है। जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बीजेपी के लिए पेचीदा समीकरण
राजभर की एंट्री से बीजेपी का सीट शेयरिंग का गणित और पेचीदा हो सकता है। पहले से ही जेडीयू और बीजेपी के बीच कुछ सीटों पर खींचतान चल रही है। वहीं, एलजेपी (राम विलास) और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) भी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यूपी से आने वाली सुभासपा की 29 सीटों की मांग गठबंधन के भीतर असंतुलन बढ़ा सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी को सीट बंटवारे का ऐसा फॉर्मूला तैयार करना होगा, जिससे किसी भी सहयोगी की नाराजगी न बढ़े। बिहार में एनडीए की सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि बीजेपी, जेडीयू और अन्य दल आपसी सहमति से उम्मीदवारों का चयन कर पाएं। राजभर का सीटों पर बड़ा दावा एनडीए के लिए चुनौती है, क्योंकि अगर उन्हें नजरअंदाज किया गया तो यूपी में उनकी नाराजगी का असर भी पड़ सकता है।
एनडीए की जीत के दावे के बीच सीटों पर सस्पेंस
ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया कि बिहार में एनडीए की जीत तय है। उन्होंने कहा कि जनता जंगलराज के दिनों को भूल नहीं पाई है और वह स्थिर सरकार चाहती है। लेकिन जीत के इन दावों के बीच सीट बंटवारे पर सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी के लिए यह देखना अहम होगा कि क्या सुभासपा को बिहार में 29 सीटें दी जाएंगी या फिर उसे गठबंधन के भीतर सीमित सीटों पर समझौता करना पड़ेगा।