द लोकतंत्र/ चंडीगढ़ : पंजाब की ग्रामीण राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। जिला परिषद चुनावों के फाइनल नतीजों ने साफ कर दिया है कि राज्य के गांवों और कस्बों में आम आदमी पार्टी (AAP) का दबदबा लगातार मजबूत हो रहा है। कुल 346 जोन में से 218 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी ने न सिर्फ स्पष्ट बहुमत हासिल किया, बल्कि विपक्षी दलों को बहुत पीछे छोड़ दिया। यह जीत मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार के लिए राजनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जा रही है।
विपक्ष बिखरा, AAP सबसे आगे
चुनाव परिणामों के मुताबिक कांग्रेस को केवल 62 जोन, शिरोमणि अकाली दल को 46 जोन, बीजेपी को महज 7 जोन, बहुजन समाज पार्टी को 3 जोन और निर्दलीय उम्मीदवारों को 10 जोन पर संतोष करना पड़ा। खास बात यह रही कि आम आदमी पार्टी ने 22 जोन पहले ही निर्विरोध जीत लिए थे, जो संगठनात्मक मजबूती और जमीनी पकड़ को दर्शाता है।
जिलावार नतीजों में भी AAP का दबदबा
अमृतसर में 24 जोन में से 19 पर AAP ने कब्जा जमाया, जबकि होशियारपुर में 25 में से 22 और पटियाला में 23 में से 19 जोन AAP के खाते में गए। संगरूर (18 में से 15), तरन तारन (20 में से 17), गुरुदासपुर (25 में से 17) और जालंधर (21 में से 10) जैसे जिलों में भी पार्टी ने निर्णायक बढ़त बनाई।
हालांकि कुछ जिलों में अकाली दल ने अपनी पारंपरिक पकड़ का प्रदर्शन किया। बठिंडा में अकाली दल ने 17 में से 13 जोन जीतकर बढ़त बनाई, वहीं श्री मुक्तसर साहिब में 13 में से 7 जोन अकाली दल के खाते में गए। फिरोजपुर और एसबीएस नगर जैसे जिलों में कांग्रेस ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन कुल मिलाकर वह राज्यव्यापी असर छोड़ने में नाकाम रही।
ग्रामीण वोटर का रुझान साफ
इन नतीजों को ग्रामीण पंजाब के राजनीतिक मूड के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, पंचायत और जिला परिषद चुनावों में आमतौर पर स्थानीय मुद्दे, सरकारी योजनाओं का असर और प्रशासन की छवि निर्णायक होती है। ऐसे में AAP की जीत यह संकेत देती है कि गांवों में भी भगवंत मान सरकार की योजनाओं और फैसलों को समर्थन मिल रहा है।
केजरीवाल का दावा: जनता ने सरकार के कामों पर लगाई मुहर
पार्टी की जीत पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे “ग्रामीण पंजाब का स्पष्ट जनादेश” बताया। उन्होंने कहा कि जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में लगभग 70 प्रतिशत सीटों पर AAP की जीत यह दिखाती है कि ग्रामीण जनता ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के कामकाज पर भरोसा जताया है। केजरीवाल के मुताबिक, यह परिणाम सिर्फ चुनावी जीत नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों की स्वीकृति है।
राजनीतिक संकेत और आगे की राह
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये नतीजे आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों की दिशा भी तय कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में मजबूत पकड़ का मतलब है कि AAP अब शहरी पार्टी की छवि से बाहर निकलकर पूरे पंजाब में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभर रही है। वहीं कांग्रेस और अकाली दल के लिए यह परिणाम आत्ममंथन का संकेत हैं, जबकि बीजेपी का सीमित प्रदर्शन राज्य में उसकी कमजोर स्थिति को फिर उजागर करता है।
कुल मिलाकर जिला परिषद चुनावों के नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि फिलहाल पंजाब की राजनीति में हवा आम आदमी पार्टी के पक्ष में बह रही है और ‘AAP का हुआ पंजाब’ महज नारा नहीं, बल्कि आंकड़ों से साबित होती राजनीतिक हकीकत बन चुकी है।

