द लोकतंत्र / पटना : पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर तंज कसा और महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर भी अहम बयान दिया। पत्रकारों के सवाल पर कि क्या प्रशांत किशोर चुनाव को त्रिकोणीय बनाएंगे, पप्पू यादव ने कहा, ‘न तीन में हैं न तरह में।’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर आज तक एक सीट की घोषणा नहीं कर पाए और न ही यह स्पष्ट किया कि वे कहां से चुनाव लड़ेंगे। उनके मुताबिक, यह अस्पष्टता चुनावी रणनीति और जनता के लिए भ्रम पैदा करती है।
आरजेडी को बड़ा दिल दिखाना चाहिए
पप्पू यादव ने महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आरजेडी को बड़ा दिल दिखाते हुए कांग्रेस को सीमांचल में अधिक सीटें देनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस का इस क्षेत्र में मजबूत जनाधार है और यही कारण है कि महागठबंधन में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहिए। पप्पू यादव का यह बयान आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है और गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे पर चल रही चर्चाओं को और तेज कर सकता है।
पप्पू यादव का बयान रणनीतिक, सीमांचल में कांग्रेस अच्छे पोजिशन में
विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान पप्पू यादव की राजनीतिक चाल के तहत आया है। बीते लोकसभा चुनाव में सीमांचल की चार सीटों में से दो पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे और जीत दर्ज की थी। वहीं दो सीटों पर आरजेडी ने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। पूर्णिया सीट से पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत चुके हैं और वे खुद को कांग्रेस का समर्थक मानते हैं। इस पृष्ठभूमि में उनका बयान कांग्रेस के जनाधार को मजबूत करने और महागठबंधन के भीतर प्रभाव बनाए रखने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। पप्पू यादव ने पहले भी महागठबंधन के प्रमुख तेजस्वी यादव को बड़ा दिल दिखाने की सलाह दी थी। अब देखना यह होगा कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा किस प्रकार तय होता है और सीमांचल में किस पार्टी को कितनी हिस्सेदारी मिलती है। पप्पू यादव के बयान से महागठबंधन के अंदर हलचल बढ़ गई है और आगामी चुनावी रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम में पप्पू यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद चुनावी राजनीति में पारदर्शिता और जनाधार को ध्यान में रखते हुए गठबंधन को मजबूत करना है। उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है और मीडिया व जनता की निगाहें महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर टिकी हुई हैं।