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बिहार में प्रशांत किशोर की सियासी सेंधमारी से राजद परेशान, पत्र जारी कर कार्यकर्ताओं से की यह अपील

RJD is worried about Prashant Kishor's political intrusion in Bihar, issued a letter and made this appeal to the workers

द लोकतंत्र : बिहार में प्रशांत किशोर की सियासी सक्रियता को देखते हुए राजद ख़ेमे में हलचल मच गई है। प्रशांत किशोर की जन सुराज मूवमेंट को बिहार में तेज़ी से लोकप्रियता मिल रही है और लोग इससे जुड़ते जा रहे हैं। प्रशांत किशोर के जन सुराज दल की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए राजद इस कदर परेशान है कि राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को पत्र जारी कर कार्यकर्ताओं से ख़ास अपील करनी पड़ी। अभी दो दिन पूर्व ही पार्टी ने अपना 28वाँ स्थापना दिवस मनाया था।

क्या लिखा है पत्र में?

बता दें, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पत्र में लिखा है कि, आये दिन प्रायः सभी जिलों में ऐसा देखने को मिला है कि हमारे पार्टी के कार्यकर्ता या नेता जन सुराज पार्टी में सहयोगी या उनके सदस्य बन रहे हैं। यह चिंता का विषय है। विदित हो की जनसुराज पार्टी एक राजनीतिक पार्टी है। इसके संस्थापक प्रशांत किशोर उर्फ प्रशांत किशोर पांडे हैं। यह पार्टी भारतीय जनता पार्टी एवं देश के धर्मावलंबी लोगों के द्वारा संचालित तथा वित्तीय पोषित हैं अर्थात भारतीय जनता पार्टी का बी टीम है।

पत्र में उन्होंने आगे लिखा है, आप सभी साथियों से अनुरोध है कि ऐसे लोगों के बहकावे में आपलोग न आवें। उनकी मंशा राष्ट्रीय जनता दल को कमजोर करने और भाजपा की शक्ति को बढ़ावा देने की है। जिन साथियों को आदरणीय लालू प्रसाद का सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द एवं बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर, डॉ राम मनोहर लोहिया, महात्मा गांधी, डॉक्टर पेरियार, महात्मा ज्योतिराव फूले, जननायक कर्पूरी ठाकुर और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों से वास्ता है, वह दल विरोधी काम ना करें अन्यथा दल उन पर समुचित कार्रवाई करेगी।

जन सुराज ने एक्स पर लिखा – भय और अपराध की राजनीति इनकी फितरत

इस मामले में जन सुराज के एक्स अकाउंट से लिखा गया कि, जन सुराज के पार्टी बनने की घोषणा भर से बिहार का सबसे मजबूत दल होने का दावा करने वाली RJD की घबराहट देखिए। बेचारे अपने दल में मची अफरा-तफरी और RJD छोड़कर जाने वाले नेताओं को रोकने के लिए अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को धमकी दे रहे हैं। भय और अपराध की राजनीति इनकी फितरत है। पहले बिहार की जनता ने छोड़ा अब दल के कार्यकर्ता और नेता छोड़ रहे हैं।

दो दिन पूर्व था आरजेडी का स्थापना दिवस

बता दें, दो दिन पूर्व यानी पाँच जुलाई को आरजेडी ने अपना 28वाँ स्थापना दिवस मनाया था। इस कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव भी सम्मिलित हुए थे और उन्होंने घोषणा की थी कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी चुनाव लड़ेगी। राजद ने अपने 28वें स्थापना दिवस पर आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का भी खुलासा किया। तेजस्वी यादव ने 15 अगस्त के बाद एक व्यापक बिहार यात्रा की घोषणा की, जिसका उद्देश्य जनता से जुड़ना और भाजपा-जेडीयू सरकार की विफलताओं को उजागर करना है। उन्होंने बढ़ती महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर भी खुल कर बात की।

ऐसे में, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष के इस पत्र से बिहार में सियासी हलचल मच गई है। जन सुराज दल की घोषणा प्रशांत किशोर पहले ही कर चुके हैं और आगामी 02 अक्तूबर को पार्टी अस्तित्व में भी आ जाएगी। ऐसे में बिहार में सबसे बड़े क्षेत्रीय दल के भीतर ऐसी घबराहट यह संकेत दे रही है कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा ने बिहार के सियासी स्पेस में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कर दी है।

Team The Loktantra

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