द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच आरजेडी (RJD) के अंदर टिकट बंटवारे को लेकर सियासी बवंडर तेज हो गया है। पार्टी की चर्चित नेत्री और पूर्व मुखिया रितु जायसवाल ने खुलेआम अपनी ही पार्टी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने पार्टी नेतृत्व के फैसले पर नाराजगी जताई और साफ कहा कि यदि उन्हें परिहार से उम्मीदवार नहीं बनाया गया, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी।
डॉ. पूर्वे की बहू को टिकट देकर ‘गद्दारी का पुरस्कार’ दे दिया गया
रितु जायसवाल ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि परिहार की दुर्दशा के लिए मौजूदा बीजेपी विधायक गायत्री देवी ही नहीं, बल्कि डॉ. रामचंद्र पूर्वे भी समान रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार पार्टी के भीतर गद्दारी के चलते उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था और अब पार्टी ने डॉ. पूर्वे की बहू को टिकट देकर ‘गद्दारी का पुरस्कार’ दे दिया है।
उन्होंने अपने पोस्ट में साफ कहा, कल शाम जैसे ही चर्चा फैली कि मुझे परिहार से टिकट न देकर बेलसंड से दिया जा सकता है, परिहार की जनता के असंख्य फोन और संदेश आने लगे। सबकी एक ही अपील थी- ‘मैडम, परिहार को मत छोड़िए।’ पिछले पांच वर्षों में मैंने परिहार की मिट्टी, लोगों के संघर्ष और उम्मीदों को बेहद करीब से महसूस किया है। किसी और क्षेत्र से चुनाव लड़ना मेरे आत्मसम्मान के खिलाफ होगा।
परिहार से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी रितु
RJD की स्टार नेत्री ने चेतावनी दी कि यदि पार्टी अपना निर्णय नहीं बदलती, तो वह परिहार से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने इस कदम को “दिल की आवाज़” बताया और कहा कि यह जनता की भावनाओं का सम्मान है।
रितु जायसवाल के इस तेवर के बाद RJD में हलचल मच गई है। पार्टी के भीतर इसे टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में असंतोष की बड़ी अभिव्यक्ति माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व अब स्थिति को शांत करने और बगावत के इस स्वर को चुनावी नुकसान में बदलने से रोकने की कोशिश कर रहा है।

