Advertisement Carousel
Politics

शांभवी चौधरी ने खारिज किए पीके के सारे आरोप, कहा – सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद

Shambhavi Chaudhary dismissed all allegations made by PK, saying that all the allegations are false and baseless.

द लोकतंत्र/ पटना : जन-सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बीच जेडीयू नेता और समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी ने सोमवार को अपना पक्ष रखकर कहा कि चुनाव के दौरान आरोप-प्रत्यारोप होना नया नहीं है और उनके परिवार पर लगे तमाम आरोप बेबुनियाद हैं। शांभवी ने प्रेस वार्ता में कहा कि प्रशांत किशोर ने उनके पिता व माता-इन-लॉ पर जो आरोप लगाए हैं, उन पर परिवार और ट्रस्ट दोनों ने अपना-अपना स्पष्ट पक्ष पहले ही सार्वजनिक कर दिया है और वे इन आरोपों को खारिज करते हैं।

सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद

शांभवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा, जो आरोप प्रशांत किशोर ने मेरे पिताजी और मेरी सासू माँ पर लगाए हैं, वे कोई आधार नहीं रखते। यह सब बयानबाजी और पर्सनल अटैक है। ट्रस्ट के खिलाफ जो भी बातें कही जा रही हैं, ट्रस्ट अपना पक्ष देगी। पहले भी हम मीडिया के सामने आ चुके हैं। सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि उनका ससुराल न तो किसी बड़ी राजनीतिक परिवार की छवि रखता है और न ही ऐसे गंभीर आरोपों के पीछे कोई ठोस तथ्य मौजूद हैं, इसलिए वे शांति से अपना जवाब देंगी।

दूसरी ओर प्रशांत किशोर ने भी सोमवार को अपने आरोपों पर फिर से ज़ोर देते हुए कहा कि वे अशोक चौधरी की संपत्ति संबंधी और ट्रस्ट के लेन-देन से जुड़ी बातों पर टिके हुए हैं। पीके ने दावा किया कि अशोक चौधरी की संपत्ति लगभग 200 करोड़ रुपये के आस-पास पहुंच चुकी है और उन्होंने कहा कि यदि संबंधित संपत्तियां सार्वजनिक नहीं की गईं तो वे राज्यपाल और अदालत तक जाकर मामले को उठाएंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि आशय सही है तो आरोपी को इस्तीफा दे देना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए।

बिहार चुनाव के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज

यह विवाद ऐसे समय में उभरा है, जब बिहार में चुनावों की हलचल तेज़ है और पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है। शांभवी चौधरी की प्रतिक्रिया में स्पष्टता यह दिखाती है कि परिवार राजनीतिक दबाव के बीच सार्वजनिक धारणा को काबू में रखने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ़ प्रशांत किशोर द्वारा पेश किए गए दस्तावेज़ और आरोप अगर साक्ष्यों के साथ सामने आते हैं तो यह मामला न केवल अशोक चौधरी के लिए बल्कि उनकी पार्टी के लिए भी गंभीर राजनीतिक चुनौती बन सकता है।

राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि इन आरोपों का समाधान विधिक और पारदर्शी तरीके से ही हो सकता है। अगर सच में बेनामी संपत्ति, ट्रस्ट के वित्तीय खुलासे या किसी तरह की गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित एजेंसियों को स्वतंत्र जांच करनी चाहिए। वहीं शांभवी चौधरी का कहना है कि उनका परिवार और ट्रस्ट पूरी तरह से सहयोग करने को तत्पर हैं और वे बिना किसी राजनीतिक उद्देश्य के अपने पक्ष को स्पष्ट करेंगे।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Rahul Gandhi
Politics

PM मोदी के बयान पर राहुल बोले – आप हमें जो चाहें बुलाएं, लेकिन हम INDIA हैं

द लोकतंत्र : पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन का INDIA नाम रखने पर कहा कि विपक्ष का गठबंधन
Amit Shah in Parliament
Politics

अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा

द लोकतंत्र : मणिपुर मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। अमित शाह ने चिट्ठी लिखकर