द लोकतंत्र/ पटना: राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर एनडीए सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के टाइम बम पर बैठा हुआ है। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में धृतराष्ट्र बन गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर बिहार सरकार यह क्यों नहीं बताती कि प्रतिदिन राज्य की तिजोरी से 65 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में चुकाया जा रहा है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार से सीधे जवाब मांगा कि यदि वे बेसुध और अचेत नहीं हैं तो जनता के सवालों का उत्तर दें।
‘नकलची सरकार’ पर निशाना
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की सरकार उनके विजन की नकल तो करती है, लेकिन उसके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं पेश करती। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बिहार का बजट 3.95 लाख करोड़ रुपये का है और उसमें से 2 लाख करोड़ रुपये कमिटेड एक्सपेंडिचर में खर्च हो जाते हैं, तो शेष 1.95 लाख करोड़ रुपये से सरकार किस तरह से पुल, सड़क और अन्य विकास योजनाएं पूरी करेगी?
उन्होंने पीएम मोदी द्वारा बिहार के लिए घोषित 1.15 लाख करोड़ की योजनाओं और नीतीश कुमार की 50 हजार करोड़ की घोषणाओं का भी हवाला देते हुए पूछा कि इन योजनाओं पर कुल 7.08 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रबंधन आखिरकार कैसे होगा?
एनडीए की महिला रोजगार योजना को बताया छलावा
तेजस्वी यादव ने महिला रोजगार योजना को लेकर भी नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 20 साल के शासन के बाद महिलाओं को सिर्फ 10 हजार रुपये दिए गए हैं, जो महीने के हिसाब से महज 500 रुपये और एक दिन में 1.38 रुपये बैठता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या बिहार की महिलाएं और बच्चे इतने पर अपना भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे?
उन्होंने याद दिलाया कि 2020 में महिला उद्यमी योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की कर्जमुक्त राशि देने का वादा किया गया था, लेकिन उस पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ।
संगठित भ्रष्टाचार का आरोप
राजद नेता ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड कायम कर रही है। उन्होंने कहा कि पटना में सरकारी भवनों की सफाई और झाड़ू-पोछा के लिए 700 करोड़ रुपये का ठेका निजी कंपनियों को दिया गया है।
तेजस्वी ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक इंजीनियर के घर से 13 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए, 500 करोड़ की संपत्ति मिली। लेकिन कार्रवाई क्या हुई? किसी इंजीनियर ने 12 करोड़ रुपये जला दिए, तो किसी के घर से 300 करोड़ रुपये मिले, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब छोटे उदाहरण हैं, जबकि असल में भ्रष्ट अधिकारी और मंत्री हजारों करोड़ के मालिक बने बैठे हैं।
जारी करेंगे भ्रष्टाचारियों की सूची
तेजस्वी यादव ने कहा कि वे बहुत जल्द बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों की सूची जारी करेंगे। उन्होंने दावा किया कि हमारे पास सबूत हैं कि किसने कितना लूटा और किन रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति बनाई गई। उन्होंने कहा कि 2020 में इन्हीं भ्रष्ट पदाधिकारियों ने विपक्ष को हराने का काम किया था। लेकिन इस बार जनता पूरी तरह जागरूक है और धोखे में नहीं आने वाली।
एनडीए सरकार पर सीधा वार
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में संगठित और खुदरा भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के धृतराष्ट्र बन गए हैं और एनडीए सरकार राज्य की तिजोरी खाली कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्या एक रुपये 38 पैसे के बल पर बिहार का वर्तमान और भविष्य बर्बाद करने का ठेका लिया गया है? तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि जनता अब इस खेल को समझ चुकी है और आने वाले चुनाव में सरकार को इसका करारा जवाब देगी।