द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान कभी भी हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी जहां दूसरे दलों को साथ जुड़ने और भाजपा से लड़ने की बात कर रही है वहीं उसके अपने नेता अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं दिखा पा रहे हैं। एक एक कर पार्टी के दिग्गज नेता कांग्रेस का हाथ और साथ दोनों छोड़ते जा रहे हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक सुरेश पचौरी और पूर्व सांसद गजेन्द्र सिंह ने दल से किनारा कर भाजपा के साथ आ गये हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में काग्रेंस नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली। सुरेश पचौरी कांग्रेस के क़द्दावर नेता रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें तीन बार राज्यसभा भेजा। 1990-96 तक वह पहली बार राज्यसभा सांसद रहे। दूसरी बार 1996-2002 और तीसरी बार 2002 से 2008 तक उनका कार्यकाल रहा। कांग्रेस सरकार में वह दो बार केंद्रीय मंत्री भी बने। इसके अलावा उनके पास पार्टी के भी दायित्व रहे।
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वहीं, गजेंद्र सिंह हैं, जो धार से सांसद रहे हैं उन्होंने भी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। वह काफ़ी समय से पार्टी से नाराज़ चल रहे थे। इसके अलावा पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पूर्व विधायक विशाल पटेल, एनएसयूआए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल शर्मा, भोपाल में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रहे कैलाश मिश्रा, अर्जुन पलिया, डॉ आलोक चंसोरिया ने भी बीजेपी की सदस्यता ली।
…तो कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए – शिवराज
इस मौक़े पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के नेतृत्व को दिशाहीन बताते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी ने आज़ादी के बाद यह कहा था कि कांग्रेस आज़ादी का आंदोलन था, अब स्वतंत्रता मिल गई है तो कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए। अब नए दलों का गठन होना चाहिए। लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सत्ता के स्वार्थ के कारण कांग्रेस को भंग नहीं होने दिया और आंदोलन की राजनीतिक लाभ उठाया।
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी की इच्छा पूरी नहीं की, लेकिन राहुल गांधी इस इच्छा को पूरा कर के ही चैन की सांस लेंगे। एक-एक कर के कांग्रेस के नेतृत्व से परेशान होकर उनके अच्छे नेता बीजेपी जॉइन कर लेंगे।