द लोकतंत्र : निरंतरता सफलता का पहला सूत्र है। यह जीवन के सभी पहलुओं पर लागू होती है। सियासत में भी अगर आपके भीतर निरंतरता नहीं है तो आपका सूर्य अस्त होना तय है। अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने अपने नये घर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गृह प्रवेश कर लिया है। स्मृति के लिए अमेठी अब उनका घर हो गया है। इस दुनिया में भरोसा ही एक मात्र ऐसी चीज है, जिसे कमाना पड़ता है। स्मृति की निरंतरता और अमेठी के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया। स्मृति इरानी ने अमेठी के गौरीगंज अन्तर्गत मेदन मवई गांव में अपना घर बनाकर अमेठी के लोगों का न सिर्फ़ भरोसा जीता है बल्कि वह अमेठी का अभिन्न हिस्सा भी बन गयीं हैं।
स्मृति इरानी का अमेठी में अपना खुद का घर होना सियासी तौर पर भी महत्वपूर्ण है और यह एक ऐसा दांव है जिसके आगे राहुल गांधी और कांग्रेस की रणनीति दोनों चारों खाने चित्त हो गयी है। 22 फरवरी को स्मृति ईरानी सिर्फ गृह प्रवेश नहीं कर रही थीं बल्कि वह अमेठी के सियासी इतिहास में वह पन्ना जोड़ रही थीं जिसके बाद अमेठी के लोगों के ज़ेहन से गांधी परिवार और राहुल गांधी की स्मृतियाँ धुंधली होनी शुरू हो गई।
गांधी परिवार का पारंपरिक सीट होने और लगातार तीन बार वहाँ से सांसद निर्वाचित होने के बावजूद राहुल गांधी अमेठी से ‘घर का रिश्ता’ नहीं बना पाये। अपने अमेठी दौरों में वह ‘गेस्ट हाउस’ में रुककर अपने मेहमान होने और दिल्ली में बैठकर रिमोट से अमेठी चलाने जैसे शब्दावलियों को अपने पक्ष में मज़बूत कर बैठे। लिहाज़ा, स्मृति ईरानी ने अपनी निरंतरता से अमेठी के दिल में न सिर्फ़ जगह बनायी बल्कि ‘घर का रिश्ता’ भी जोड़ लिया।
नहीं लड़ेंगे राहुल गांधी, दीपक सिंह की चर्चा तेज
कांग्रेस के रणनीतिकारों के सामने स्मृति ईरानी से जीतने की चुनौती काफी कठिन है। 2019 में राहुल गांधी को हराने के बाद स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रीयता बढ़ाने के साथ लोगों के हर सुख दुख में शामिल रहीं। जिसके बाद धीरे धीरे अमेठी के माहौल में बदलाव आया और कांग्रेस का जनाधार अमेठी में अब लगभग ख़त्म हो गया। कांग्रेस नेतृत्व अमेठी में राहुल गांधी की जीत को लेकर आशान्वित नहीं है। कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में राहुल गांधी के फिर से अमेठी में जीतने के बेहद कम चांस हैं ऐसे में पार्टी इस सीट पर राहुल गांधी को लड़ाकर स्मृति इरानी से दुबारा हारने का रिस्क नहीं ले सकती।
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चर्चा है कि अमेठी से गांधी परिवार का कोई सदस्य नहीं लड़ेगा और इस सीट पर पूर्व एमएलसी दीपक सिंह को लोकसभा प्रत्याशी बनाया जाएगा। राहुल गांधी वायनाड से ही लड़ेंगे जबकि प्रियंका गांधी के रायबरेली से लड़ने की संभावना है।
एक वादा जो स्मृति ईरानी ने पूरा किया
आम चुनाव 2019 में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा था कि अगर वह अमेठी से सांसद बनती हैं तो यहां के लोगों को उनसे मिलने के लिए दिल्ली नहीं जाना होगा। उन्होंने वादा किया था कि वो अपना घर अमेठी में ही बनाएंगी। सांसद बनने के बाद स्मृति ने मेदन मवई गांव में भूमि लेकर अपने आवास का निर्माण करवाया और अब गृह प्रवेश कर अमेठी से ख़ुद को एक पारिवारिक रिश्ते के धागे से जोड़ लिया।