द लोकतंत्र : लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार (24 जुलाई) को केंद्रीय बजट 2024 पर चर्चा के दौरान TMC सांसद अभिषेक बनर्जी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के बीच तीखी नोकझोंक हुई। दरअसल, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने चर्चा के दौरान तीन कृषि क़ानूनों को लेकर दावा किया कि उनपर लोकसभा में कोई चर्चा नहीं हुई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अभिषेक बनर्जी के इस दावे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस सदन में तीन कृषि कानूनों पर करीब साढ़े पांच घंटे तक चर्चा हुई है।
अभिषेक बनर्जी ने बजट को बिना विजन वाला बजट बताया
लोकसभा में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्रीय बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मैं बजट को एक लाइन में समझाऊं तो इसे मैं बिना किसी विजन वाला बजट कहूंगा, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को खुश करने के लिए बजट पेश किया न कि देश के 140 करोड़ लोगों के लिए। इस बजट में 140 करोड़ लोगों को की उम्मीदों को नजरअंदाज करके सिर्फ दो सहयोगियों के विश्वास को जीतने की कोशिश हुई।
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तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने बजट 2024-25 पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट ‘जनविरोधी’ है और इसका उद्देश्य सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों का तुष्टीकरण करना और सरकार बचाये रखने के लिए उन्हें ‘मुआवजा’ देना है। उन्होंने अपने तीखे अंदाज में कहा, बजट में कोई दृष्टिकोण और एजेंडा नहीं है। आम लोगों को कोई राहत नहीं है और बजट में देश के 140 करोड़ लोगों की उपेक्षा की गई है। बनर्जी ने दावा किया कि 2024 के आम चुनाव के नतीजे भाजपा के ‘अहंकार और उसकी विभाजनकारी राजनीति’ को खारिज करते हैं।
टीएमसी सांसद ने कहा- पक्षपात नहीं चलेगा
जब अभिषेक बनर्जी बोल रहे थे, तब कई बार स्पीकर ओम बिरला के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हुई। टीएमसी सांसद ने नोटबंदी को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की, तो स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा, माननीय सांसद वर्तमान बजट पर बात करें। इसपर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की बात करेगा, तब आप कुछ नहीं बोलेंगे। लेकिन मैंने नोटबंदी की बात कर दी, तो आप मुझे रोक रहे हैं। टीएमसी सांसद ने कहा- पक्षपात नहीं चलेगा। जब कोई आपातकाल की बात करता है, तो आप कुछ नहीं बोलते हैं।
अभिषेक बनर्जी ने संबोधन के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन का मतलब समन्यव होता है और कोई भी उसे मोदी 3.0 नहीं कह रहा। इस सरकार को खुद बीजेपी के मंत्री भी मोदी 3.0 नहीं कर रहे हैं। ये सरकार काफी अनिश्चित और नाजुक है और कभी भी गिर सकती है। संबोधन के आखिरी में वो बोले कि सब्र रखिए और कुर्सी की पेटी भी बांध लीजिए क्योंकि मौसम बिगड़ने वाला है।