द लोकतंत्र : नूंह हिंसा के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का दुर्भाग्यपूर्ण बयान सामने आया है। सीएम खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार हर आदमी को सुरक्षा नहीं दे सकती है। इसके लिए हमें माहौल को सुधारना पड़ेगा, हर व्यक्ति की सुरक्षा ना पुलिस कर सकती है, ना ही सेना कर सकती है। इसके लिए सामाजिक सद्भाव ठीक करना पड़ेगा।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा पुलिस और सेना सबको सुरक्षा नहीं दे सकती
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, किसी भी देश में आप चले जाएं हर आदमी की सुरक्षा वहां की पुलिस नहीं कर सकती पर इसके लिए वैसा माहौल बनाना पड़ता है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में केंद्रीय बलों की 20 टुकड़ियों को तैनात किया गया, उनमें से 14 को नूंह में, तीन को पलवल, दो को गुरुग्राम और एक टुकड़ी को फरीदाबाद में तैनात किया गया है।
खट्टर ने कहा कि जो भी हिंसा में शामिल है उसे बख्शा नहीं जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि नूंह में लोगों की संपत्तियों के नुकसान का आकलन करने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।
यह भी पढ़ें : मुख़्तार अब्बास नकवी ने किया सीएम योगी का समर्थन, ज्ञानवापी पर बोले भारत का मुसलमान जिम्मेदार नहीं
सीएम खट्टर ने कहा, हमने एक अधिनियम पारित किया है जिसमें यह प्रावधान है कि किसी भी नुकसान के लिए, सरकार सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के लिए मुआवजा जारी करती है, लेकिन जहां तक निजी संपत्ति का सवाल है, जिन लोगों ने नुकसान पहुंचाया है वे इसकी भरपाई के लिए उत्तरदायी हैं। इस कारण हम सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए प्रावधान करेंगे और निजी संपत्ति के लिए हम कहेंगे कि उन लोगों से मुआवजा वसूला जाए जो इसके लिए उत्तरदायी हैं।
सवाल यह उठता है कि माहौल सुधारने की जिम्मेदारी किसकी है? सरकारी तंत्र और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी क्या है ? सीएम खट्टर के बयान को क्या उनकी नाकामी नहीं मानी जाएगी ?
बता दें, नूह में भड़की हिंसा अब हरियाणा के बाकि हिस्सों में भी पहुँच गयी है। लूटपाट और आगजनी की तस्वीरें भयावह हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छह से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। कई इलाकों में कर्फ्यू है। इंटरनेट बंद है। हालात सामान्य होने में कितना वक़्त लग सकता है यह कहा नहीं जा सकता है।