द लोकतंत्र: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज है। राज्य के भविष्य को लेकर आयोजित 24 घंटे के विशेष सत्र में समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर सराहना की, जिसका राजनीतिक असर तुरंत देखने को मिला। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बयान के कुछ घंटे बाद ही पूजा पाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
क्या था मामला
विधानसभा में हुए “उत्तर प्रदेश 2047” विषय पर सत्र के दौरान पूजा पाल ने सीएम योगी के अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि अतीक अहमद जैसे माफिया को कानून के शिकंजे में लाना और न्याय दिलाना उनकी मजबूत नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि जब उनकी बात किसी ने नहीं सुनी, तब मुख्यमंत्री योगी ने उनकी बात सुनी और न्याय दिलाया।
लंबे समय से बागी तेवर
सूत्रों के अनुसार, पूजा पाल का पार्टी से टकराव नया नहीं है। वे पहले भी सोशल मीडिया पर सीएम योगी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी तस्वीरें साझा कर चुकी थीं। इसके बावजूद अब तक उन्हें निष्कासित नहीं किया गया था। लेकिन इस बार सदन में खुलेआम तारीफ करना सपा नेतृत्व को नागवार गुजरा।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने व्यंग्य करते हुए कहा कि पूजा पाल न केवल अपना बल्कि सीएम योगी का भी टिकट पक्का करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर पहले ही बीजेपी से टिकट ले लिया होता, तो वे क्यों देते। अखिलेश ने यह भी इशारा किया कि सीएम योगी का बीजेपी में रहना केवल चुनावी राजनीति के लिए है।
पहले भी की थी क्रॉस वोटिंग
पूजा पाल का नाम उन सात सपा विधायकों में भी शामिल है जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। हाल ही में अखिलेश यादव ने तीन अन्य बागी विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया था और अब पूजा पाल पर भी यही कार्रवाई हुई है।
राजनीतिक भविष्य पर सवाल
पूजा पाल के निष्कासन के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि वे आगामी चुनावों में बीजेपी का दामन थाम सकती हैं। हालांकि, इस पर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।