द लोकतंत्र : यूपी का सियासी तापमान फिर गर्म हो गया है। सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने सीएम योगी से मुलाक़ात की है। पल्लवी पटेल सपा की विधायक हैं और केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़कर विधानसभा पहुँची हैं। इस मुलाक़ात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि इन दिनों यूपी में योगी बनाम केशव की खींचतान चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच मतभेद खुल कर सामने आ चुके हैं। ऐसे में पल्लवी पटेल का सीएम योगी से मुलाक़ात की ख़बर से प्रदेश में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।
ख़ास बात यह है कि न पल्लवी पटेल ने और न सीएम योगी के ऑफिसियल एक्स हैंडल से इस मुलाक़ात की कोई तस्वीर पोस्ट हुई है और न ही इसपर कोई पोस्ट ही हुआ है। सूत्र बताते हैं कि कल 24 जुलाई बुधवार की शाम पल्लवी पटेल ने अपने पति के साथ मुख्यमंत्री योगी से मुलाक़ात की थी। दोनों के बीच करीब 20-25 मिनट की बातचीत हुई। हालाँकि, दोनों लोगों के मध्य किस विषय पर बातचीत हुई है उसपर अभी कुछ ख़ास जानकारी बाहर नहीं आयी है। यूपी के मौजूदा सियासी समीकरणों को देखते हुए इस मुलाकात के गहरे सियासी निहितार्थ है।
बता दें, पल्लवी पटेल ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2022 में केशव प्रसाद मौर्य को हराकर जीता था। सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल की इस वक़्त सपा से दूरी है। राज्यसभा चुनाव के समय से ही अखिलेश यादव और पल्लवी पटेल के बीच हितों को लेकर टकराव हो गया था। जिसके बाद पल्लवी पटेल ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपना गठबंधन तोड़ दिया था।
इस मुलाकात के क्या हैं सियासी मायने
पल्लवी पटेल का सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात महज़ शिष्टाचार मुलाक़ात है या कुछ और इसे लेकर यूपी में चर्चाएँ तेज हो गई हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि पल्लवी पटेल का सीएम से मुलाक़ात स्वाभाविक नहीं है। इसके कुछ न कुछ सियासी मायने जरूर है। जिस तरह केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के बीच मतभेद बढ़े हैं उसके बाद हर छोटी बड़ी बात एक तयशुदा राजनीति का हिस्सा है। सभी सियासतदान अपने अपने मोहरे चल रहे हैं, समीकरण सेट करने की कोशिश हो रही है, पॉवर पॉलिटिक्स में जगह बनाने की क़वायद चल रही है। यह मुलाक़ात भी सामान्य नहीं है इसके पीछे कुछ न कुछ मक़सद ज़रूर है जो समय के साथ बाहर आ ही जाएगा।
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यहाँ आपको याद दिला दें, पल्लवी पटेल की बहन अनुप्रिया पटेल जो मोदी कैबिनेट का हिस्सा हैं उन्होंने कुछ दिन पूर्व योगी सरकार को चिट्ठी लिखकर यूपी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे। संभव है कि योगी आदित्यनाथ एक तीर से दो निशाने साधना चाह रहे हो इसलिए भी उन्होंने पल्लवी पटेल को मिलने का समय दे दिया।