द लोकतंत्र/ वाराणसी : राहुल गांधी को धमकी मामला अब गरमाता जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लोकतंत्र पर सीधा हमला करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से उनकी सुरक्षा और मजबूत करने की मांग की है। रविवार को आयोजित एक आपात बैठक में महानगर कांग्रेस कमेटी वाराणसी ने सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया और इस शर्मनाक घटना को भारतीय राजनीति के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया।
बैठक की अध्यक्षता महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने की। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता पिंटू महादेव की टिप्पणी न केवल राहुल गांधी बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा, राहुल गांधी आज भारत की जनता की आवाज़ हैं। उन पर इस प्रकार की धमकी लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। गांधी परिवार के इतिहास में पहले भी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेता देश के लिए शहीद हुए हैं। ऐसे में राहुल गांधी की सुरक्षा पूरे देश की जिम्मेदारी है।
लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत
बैठक में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब संसद जैसे लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच पर विपक्ष के नेता को ही खुलेआम धमकी मिल रही हो, तो यह देश के लोकतांत्रिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा कि यह केवल निंदा का विषय नहीं है, बल्कि इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसी असंवैधानिक और असंस्कारी भाषा का इस्तेमाल करने की हिम्मत न कर सके।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लिखा जाएगा पत्र
बैठक में यह भी तय किया गया कि महानगर कांग्रेस कमेटी वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो वाराणसी के सांसद भी हैं, और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से राहुल गांधी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग करेगी। राघवेंद्र चौबे ने कहा, जब लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज़ को ही डराया-धमकाया जाएगा तो यह देश की आत्मा पर सीधा प्रहार है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे न केवल राहुल गांधी बल्कि हर उस जननेता की सुरक्षा सुनिश्चित करें जो जनता की आवाज़ संसद में रखता है।
कार्यकर्ताओं में गहरी चिंता
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच भी गहरी चिंता देखी जा रही है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर देश के सबसे बड़े विपक्षी नेता को खुले मंच पर जान से मारने की धमकी दी जा सकती है, तो यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। जनता का मानना है कि भाजपा नेतृत्व को अपने प्रवक्ता पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
बैठक में शामिल पदाधिकारी
इस बैठक में फसाहत हुसैन बाबू, डॉ. राजेश गुप्ता, सतनाम सिंह, वकील अंसारी, अरुण सोनी, रमजान अली, मयंक चौबे, नरसिंह दास वर्मा, हसन मेंहदी कब्बन, प्रमोद वर्मा, सदानंद तिवारी, पीयूष श्रीवास्तव, अरविन्द कुमार, आशीष केशरी, खालिद सिद्दीकी, मनोज वर्मा मनु, अफसर खां, वंदना जयसवाल, संतोष चौरसिया समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।