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जयराम रमेश को क्यों कहना पड़ा – सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे नेहरू, बल्कि बड़े फैसले भी लेते थे

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द लोकतंत्र : चंद्रयान 3 की सफलता को लेकर जहां देशभर में खुशी और उल्लास का माहौल है और भारतीय नागरिक अपने वैज्ञानिकों की इस सफलता को लेकर गर्व से भरे हुए हैं वहीं देश की दो महत्वपूर्ण पार्टियां इस सफलता के क्रेडिट को लेकर एक दूसरे पर निशान साध रहे हैं। कांग्रेस पार्टी महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने भाजपा को टारगेट किया है। जयराम रमेश ने कहा कि पंडित नेहरू केवल बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर क्या लिखा

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। इसरो के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR (टाटा इंस्टीट्यूड ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें। वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे।

बता दें, चंद्रयान-3 की चांद पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत के स्पेस प्रोग्राम और उसकी सफलताओं का क्रेडिट लेने को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच तलवारें खींची हुई हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस इसके लिए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की दूरदृष्टि और प्रयासों को क्रेडिट दे रही है, तो दूसरों ओर सत्ताधारी बीजेपी का कहना है कि इस क्षेत्र में 2014 के बाद बड़ी प्रगति हुई है।

यह भी पढ़ें : दिल्ली में पीएम मोदी बोले – हर संकटों से जूझने का सामर्थ्य तिरंगा देता है, वहीं शिवशक्ति नाम पर विवाद

इसी को लेकर जयराम रमेश ने अपनी टिप्पणी की है साथ ही उन्होंने जवाहर लाल नेहरू का पुराना भाषण भी शेयर किया है। दरअसल 23 अगस्त को इसरो (ISRO) के तीसरे मून मिशन चंद्रयान ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था। चांद के इस इलाके में पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। साथ ही अमेरिका, पूर्व सोवियत यूनियन और चीन के बाद चांद पर सफल लैंडिंग करने वाला चौथा देश भी बना।

Team The Loktantra

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