द लोकतंत्र : बीते दिनों आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो चली है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम इस बार भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी होंगे। उन्हें संभल सीट से लड़ाया जा सकता है। हालाँकि, संभल सीट से अभी सपा से डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क सांसद हैं और सपा ने उन्हें 2024 के चुनाव के लिए पुनः अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है।
पीएम मोदी को दिया था कल्कि धाम का इन्विटेशन
श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम बीते कुछ समय से अपनी ही पार्टी को लेकर हमलावर थे। वह सार्वजनिक मंचों पर खुलकर कांग्रेस की नीतियों की आलोचना करते थे। श्री कल्कि धाम के शिलान्यास हेतु उन्होंने पीएम मोदी को निमंत्रण दिया था जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने सहर्ष स्वीकार भी किया और बीते १९ फरवरी को पीएम के हाथों कल्कि धाम के शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
संभल से प्रधानमंत्री मोदी ने नये सियासी समीकरण भी बनाये। श्री कल्कि धाम का शिलान्यास के बाद पीएम मोदी ने आचार्य प्रमोद कृष्णम की जमकर तारीफ की। उन्होंने प्रमोद कृष्णम के संकल्प की सराहना करते हुए अपने संबोधन में कई बार उनका नाम लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं प्रमोद कृष्णम जी को एक राजनीतिक व्यक्ति के रूप में जानता था लेकिन जब वो मुझसे मिले तो पता चला कि वह धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्ति हैं। कल्कि मंदिर के लिए इन्हें पिछली सरकारों से लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़े। उनसे कहा जाता था कि मंदिर बनने से शांति व्यवस्था बिगड़ जाएगी। आज हमारी सरकार में प्रमोद कृष्णम जी निश्चिंत होकर इस काम को शुरू कर पाए हैं।
कृष्णम ने कहा था – शबरी की तरह मुझे भी भरोसा था कि पीएम आयेंगे
कल्कि धाम के शिलान्यास के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जैसे शबरी को विश्वास था राम आएंगे, जैसे विदुर को विश्वास था कृष्ण आएंगे, जैसे हमारी आस्था का आधार है कि कल्कि आएंगे, वैसे ही मुझे विश्वास था कि कल्कि धाम की आधारशिला रखने प्रधानमंत्री जरूर आएंगे। उन्होंने पीएम की तारीफ़ करते हुए कहा कि कर्म योग, ज्ञान योग और भक्तियोग तीनों जब मिलते हैं तो जो तस्वीर बनती है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनती है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम के संभल से लड़ने की संभावनायें प्रबल
गरूड पुराण के अनुसार कल्कि भगवान विष्णु के दसवे और अंतिम अवतार माने गए हैं, जिनका अवतरण कलियुग के अंतिम चरण में होना है। कल्कि अवतार को केंद्र में रखकर आचार्य प्रमोद कृष्णम काफ़ी समय से मंदिर निर्माण (कल्कि धाम) का प्रयास कर रहे थे। बीते कुछ समय से उनका अपने सियासी जीवन यानी कांग्रेस से मोह भंग हो चला था और अक्सर वह सार्वजनिक मंचों से कांग्रेस की आलोचना करना शुरू कर चुके थे। एक तरफ़ जहां अपने बयानों की वजह से वह कांग्रेस से दूर होते जा रहे थे वहीं राम मंदिर को लेकर उनकी नज़दीकियाँ भाजपा से बढ़ रहीं थीं।
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अभी संभल में गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क हैं। वह सीटिंग सांसद भी हैं। उनकी उम्र 94 साल के आस पास है। संभल लोकसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य है जिसकी वजह से डॉ बर्क से जीतना भाजपा के लिए थोड़ा मुश्किल है। पिछली बार भाजपा प्रत्याशी को पौने दो लाख से ज़्यादा वोटों से हारना पड़ा था। प्रमोद कृष्णम कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर एक बार संभल से लड़ चुके हैं। ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि भाजपा इस बार वहाँ से आचार्य प्रमोद पर दांव लगाए। क़यास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट से बीजेपी प्रमोद कृष्णम को टिकट दे सकती है।