द लोकतंत्र : भाई दूज (Bhai Dooj) का पर्व भाई-बहन के अटूट प्यार भरे रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। यह दिन कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल, भाई दूज 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा है, जो दीपावली के दो दिन बाद आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी आरती करती हैं और उनके लंबे जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं, भाई भी अपनी बहनों को उपहार और उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
हालांकि, कई बार भाई दूज के दिन भाई दूर होने के कारण अपनी बहन के घर नहीं जा पाता है। चाहे भाई किसी दूसरे शहर में रहता हो या किसी काम से व्यस्त हो। ऐसी स्थिति में आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। आप भाई दूज के नियमों का पालन करते हुए दूर से भी यह पर्व मना सकती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रद्धा और भावना से की गई पूजा का पूर्ण फल मिलता है, भले ही भाई शारीरिक रूप से मौजूद न हो।
आइए जानते हैं कि भाई दूर हो तो बहनें भाई दूज कैसे मनाएं।
भाई दूर हो तो भाई दूज मनाने के दो आसान तरीके (Bhai dur hai to bhai dooj kaise manaye)
1. वीडियो कॉल के जरिए मनाएं भाई दूज
अगर आपका भाई किसी दूसरे शहर या विदेश में रहता है और भाई दूज पर आपके घर नहीं आ सकता, तो वीडियो कॉल के जरिए भी आप इस पर्व को मना सकती हैं।
विधि:
भाई दूज पर अपनी पूजा की थाली सजाएं।
दीपक जलाएं और वीडियो कॉल के माध्यम से अपने भाई से जुड़ें।
शुभ मुहूर्त में स्क्रीन पर ही भाई को तिलक लगाएं और अपनी शुभकामनाएं दें।
ऐसा करने से भी आपको पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सकता है, क्योंकि इस पर्व का मूल उद्देश्य भाई की दीर्घायु की कामना करना है।
2. बिना भाई, भाई दूज की पूजा करने की विधि
यदि भाई वीडियो कॉल पर भी उपलब्ध न हो पाए, तो बहनें भाई के नाम से प्रतीकात्मक पूजा कर सकती हैं। यह विधि इस प्रकार है:
स्नान और शुद्धि: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
नारियल स्थापित करें: अपने भाई के नाम से एक नारियल बाजार से लाएं। फिर घर के मंदिर में एक चौकी रखकर उस पर पीला कपड़ा बिछाएं।
चौक बनाएं: चौकी पर हल्दी या कुमकुम से अष्ट दल कमल का चित्र बनाएं।
नारियल की स्थापना: फिर इस चित्र के ऊपर भाई के नाम का नारियल स्थापित करें।
तिलक और आरती: इसके बाद नारियल पर रोली और चावल से तिलक करें। फूल, फल और मिठाई अर्पित कर दीपक जलाकर नारियल की आरती करें।
प्रार्थना: पूजा के बाद भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए यमराज से प्रार्थना करें।
नारियल भेजना: पूजा के बाद नारियल को पीले कपड़े में लपेटकर शाम तक सुरक्षित रख दें। अगले दिन नारियल को पूजा स्थल से उठाकर भाई के पास भेज दें या उन्हें कुरियर कर दें।
भाई दूज तिलक का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj muhurat 2025)
आज, भाई दूज पर तिलक का शुभ समय दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट के बीच तक है। इस दौरान भाई को किया गया तिलक सौभाग्य और समृद्धि के रास्ते खोलता है। इसलिए यदि संभव हो तो इसी शुभ समय में तिलक अवश्य करें।

