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गोधूलि बेला में दीपक प्रज्ज्वलित करने का महत्व, वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए 4 विशेष स्थान

The loktnatra

द लोकतंत्र : हिंदू धर्म में दीपक प्रज्ज्वलित करने की परंपरा को न केवल पवित्र माना गया है, बल्कि इसे वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी अत्यंत शुभ बताया गया है। मान्यता है कि बिना दीपक जलाए कोई भी पूजा या अनुष्ठान पूर्ण नहीं होता है। विशेष रूप से गोधूलि बेला यानी शाम के समय को अत्यधिक पावन और ऊर्जावान माना जाता है, जब सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार अपने चरम पर होता है। इसीलिए, इस समय घर के कुछ विशिष्ट स्थानों पर घी या तेल का दीपक जलाना सुख-समृद्धि को आकर्षित करने का प्रबल माध्यम माना जाता है।

वास्तु के अनुसार दीपक जलाने के चार महत्वपूर्ण स्थान

वास्तु शास्त्र में दिशाओं और स्थान के महत्व को समझते हुए, कुछ ऐसी जगहें बताई गई हैं जहाँ रोजाना शाम के समय दीपक जलाना अनिवार्य है।

1. घर के प्रमुख द्वार पर

  • महत्व: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का प्रमुख केंद्र होता है।
  • लाभ: रोजाना गोधूलि बेला में प्रमुख द्वार पर तेल का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

2. तुलसी के पास (तुलसी चौरा)

  • धार्मिक विधान: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देवी स्वरूप माना जाता है, जिसे माता लक्ष्मी का वास समझा जाता है।
  • लाभ: रोजाना शाम की पूजा में तुलसी के पास घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह अनुष्ठान आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है।

3. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा)

  • दिशा का महत्व: ईशान कोण, अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा, को देवताओं की दिशा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है।
  • लाभ: इस दिशा में शाम के समय दीपक प्रज्ज्वलित करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और वातावरण शुद्ध होता है।

4. सीढ़ियों के नीचे

  • स्थान का उद्देश्य: कई वास्तु विशेषज्ञ सीढ़ियों के नीचे के स्थान को भी ऊर्जा के संतुलन के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
  • लाभ: रोजाना शाम के समय सीढ़ियों के नीचे तेल का दीपक जलाने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा का ठहराव दूर होता है। इससे अच्छे परिणाम और पारिवारिक सामंजस्य प्राप्त होते हैं।

दीपक जलाना केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह विज्ञान और आध्यात्म का एक सुंदर समन्वय है। ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि शाम के समय दीपक की लौ से निकलने वाला प्रकाश और ऊर्जा, वातावरण में व्याप्त अशुद्धियों को दूर करके सकारात्मकता का संचार करती है। इन चार विशिष्ट स्थानों पर नियमित रूप से दीपक जलाना पारिवारिक उन्नति, धन-समृद्धि और मानसिक शांति के लिए एक सरल एवं प्रभावी उपाय है, जिसका पालन प्रत्येक सनातनी परिवार को करना चाहिए।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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