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Devuthani Ekadashi 2025: 1 नवंबर को जागेंगे भगवान विष्णु, जानें देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

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द लोकतंत्र : हिंदू धर्म में आस्था और मांगलिक कार्यों के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक देवउठनी एकादशी इस साल 1 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह वह दिन है जब भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और इसके साथ ही शुभ व मांगलिक कार्यों के द्वार खुल जाते हैं। इसके अगले दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है।

देवउठनी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य ने वैदिक पंचांग के अनुसार शुभ तिथि की जानकारी दी:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 नवंबर 2025, सुबह 09:11 मिनट से।
  • एकादशी तिथि समाप्त: 2 नवंबर 2025, सुबह 07:31 मिनट तक।
  • देवउठनी एकादशी: उदया तिथि के आधार पर, देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर 2025 को रखा जाएगा।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

142 दिनों बाद गूंजेगी शहनाई

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि करीब पांच महीने से थमी शहनाइयों की गूंज अब फिर से बजने को तैयार है। 11 जून को गुरु अस्त होने और 6 जुलाई से चातुर्मास लगने से जिन शुभकायों पर विराम लग गया था, वे अब 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी से पुनः शुरू होंगे।

142 दिनों बाद सावों का शुभ काल लौटने के कारण, शहर की वाटिकाओं, विवाह भवनों, डीजे बैंड वालों और कैटरर्स की पहले से ही बुकिंग हो चुकी है। विवाह वाले परिवारों में तैयारियों की हलचल शुरू हो चुकी है।

तुलसी विवाह: 2 नवंबर को

देवउठनी एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह का आयोजन होता है।

  • तुलसी विवाह तिथि: 2 नवंबर 2025
  • द्वादशी तिथि: 2 नवंबर को सुबह 07:31 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर को सुबह 05:07 बजे समाप्त होगी।

इस दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह कराया जाता है। मान्यता है कि तुलसी विवाह कराने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक मांगलिक कार्यों का कैलेंडर

देवउठनी एकादशी के बाद शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, लेकिन बीच में दो महत्वपूर्ण अशुभ काल भी रहेंगे:

अवधिविवरणविवाह मुहूर्त
नवंबर 2025देवउठनी एकादशी से विवाह शुरू।2, 3, 5, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30 (कुल 14 दिन)
दिसंबर 202516 दिसंबर से खरमास शुरू। 12 दिसंबर से शुक्र अस्त।4, 5, 6 (केवल शुरुआती 6 दिन)
16 दिसंबर से 14 जनवरी 2026खरमास (मलमास): विवाह और मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे।नहीं
12 दिसंबर से 1 फरवरी 2026शुक्र अस्त (कुल 51 दिन): विवाह और मंगल कार्य स्थगित रहेंगे।नहीं
23 जनवरी 2026बसंत पंचमी: यह एक अबूझ मुहूर्त है, जिसमें बिना पंचांग देखकर भी विवाह और शुभ कार्य किए जा सकते हैं।सबसे शुभ
फरवरी 2026खरमास और शुक्र उदय के बाद मुहूर्तों की बहार।4, 5, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 19, 20, 21, 24, 25, 26 (कुल 16 दिन)
मार्च 2026इसके बाद 14 मार्च को फिर मांगलिक कार्यों पर विराम।2, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14 (कुल 11 दिन)

इस प्रकार, खरमास और शुक्र अस्त के दौरान लगभग 51 दिनों तक विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा, जिसके बाद फरवरी और मार्च 2026 में फिर से विवाह का सीजन शुरू होगा।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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