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Diwali Lakshmi Puja Niyam: 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा में भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां, वरना नाराज हो सकती हैं माता लक्ष्मी!

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द लोकतंत्र : प्रकाश का पर्व दिवाली सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आता है और इस दिन सुख, समृद्धि और धन-धान्य की देवी माता लक्ष्मी और प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की विशेष पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति दिवाली पर सही विधि और नियमों का पालन करते हुए पूजन करता है, उसके जीवन में सुख, समृद्धि और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।

हालांकि, दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा रात में की जाती है और इस दौरान कुछ ऐसे कार्य या नियमों का उल्लंघन करने से बचना चाहिए, वरना माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। साथ ही, आपकी पूजा का पूर्ण फल भी प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में, अगर आप भी दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करने वाले हैं, तो आइए जानते हैं कि इस महापूजा के दौरान आपको किन 6 कामों को करने से पूरी तरह बचना चाहिए।

लक्ष्मी पूजन के दिन भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां

माता लक्ष्मी को तुलसी चढ़ाना वर्जित:

सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि मां लक्ष्मी को तुलसी के पत्ते या मंजरी चढ़ाना सख्त वर्जित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी वृंदा का स्वरूप माना जाता है और मां लक्ष्मी को उनका ‘सौतन’ माना गया है। इसलिए दिवाली के पूजन के दौरान गलती से भी मां लक्ष्मी को तुलसी अर्पित न करें।

सफेद फूल अर्पित न करें:

सामान्य तौर पर पूजा में सफेद फूल का प्रयोग होता है, लेकिन माता लक्ष्मी की पूजा में सफेद फूल जैसे मोगरा, चंपा और रातरानी को अर्पित नहीं करना चाहिए। माता लक्ष्मी को विशेष रूप से लाल और गुलाबी रंग के फूल, जैसे कमल का फूल और गुलाब ही प्रिय हैं।

आक और कनेर के फूल:

दिवाली की पूजा में देवी लक्ष्मी को आक (मदार) और कनेर के फूल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। माना जाता है कि ये फूल लक्ष्मी जी को प्रिय नहीं हैं और इन्हें चढ़ाना अशुभ फल दे सकता है।

लोहे, प्लास्टिक या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल:

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन में लोहे, प्लास्टिक या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। लोहे को शनि का कारक माना जाता है, जबकि प्लास्टिक और कांच पूजा के लिए पवित्र नहीं माने जाते। पूजा में हमेशा पीतल, तांबा, चांदी या सोने के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

उधार या नमक का लेन-देन:

दिवाली की पूजा से पहले या पूजा के बाद किसी को भी धन उधार देना अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर से चली जाती हैं। इसी तरह, शाम के समय किसी को नमक देना भी वर्जित माना जाता है, क्योंकि यह घर से धन और समृद्धि को दूर करता है।

लक्ष्मी जी की गलत तस्वीर की पूजा:

दिवाली पर मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर की पूजा नहीं करनी चाहिए जिसमें वे उल्लू पर सवार हों। उल्लू को अस्थिरता का प्रतीक माना जाता है और उल्लू पर बैठी लक्ष्मी की पूजा करने से धन हानि होती है और धन घर में नहीं टिकता। हमेशा हाथी पर बैठी या खड़ी हुई कमल के आसन पर विराजमान लक्ष्मी जी की तस्वीर या मूर्ति की पूजा करनी चाहिए, जिसमें उनके हाथ से धन की वर्षा हो रही हो।

इन 6 नियमों का ध्यान रखकर आप दिवाली के दिन महालक्ष्मी पूजन का पूरा फल प्राप्त कर सकते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य का वास बना रहेगा।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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