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संध्याकाल में न करें इन चीजों का लेन-देन, वरना लौट सकती हैं मां लक्ष्मी

SUN SET

द लोकतंत्र : हिंदू धर्म में संध्याकाल यानी शाम का समय देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। यह वक्त पूजा, ध्यान और शुभ ऊर्जा के स्वागत का होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समय कुछ चीजों का लेन-देन करना आपके भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, संध्या के समय कुछ विशेष वस्तुएं दूसरों को देना वर्जित माना गया है। ऐसा करने से न केवल आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है, बल्कि घर से सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास भी हट सकता है। आइए जानते हैं कौन-कौन सी चीजें संध्या के बाद दूसरों को नहीं देनी चाहिए:

1. दूध, दही और नमक
श्वेत वस्तुएं शुक्र ग्रह से जुड़ी होती हैं। शाम के वक्त दूध, दही या नमक देना शुक्र को कमजोर करता है, जिससे आर्थिक तंगी और वैवाहिक जीवन में बाधाएं आ सकती हैं।

2. पैसे या उधार
सूर्यास्त के बाद धन का लेन-देन लक्ष्मीजी को अप्रसन्न करता है। यह समय धन के संचय का होता है, न कि उसके वितरण का। इसलिए इस समय उधार देने से बचें, वरना धन की हानि हो सकती है।

3. तुलसी के पत्ते
तुलसी एक पवित्र और औषधीय पौधा है। लेकिन शाम के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ना या किसी को देना वर्जित है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर से उल्टे पांव लौट जाती हैं।

4. हल्दी
हल्दी का संबंध गुरु ग्रह से होता है। शाम के समय हल्दी देना गुरु को कमजोर करता है, जिससे धार्मिक आस्था, वैवाहिक सुख और सौभाग्य पर असर पड़ सकता है।

5. लहसुन और प्याज
ये वस्तुएं केतु ग्रह से जुड़ी होती हैं, जो कि तांत्रिक और नकारात्मक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। शाम के समय लहसुन-प्याज देना आपके जीवन में अशुभता ला सकता है।

संध्याकाल में करें ये कार्य
घर में दीपक जलाएं
लक्ष्मीजी की पूजा करें
विष्णु सहस्त्रनाम या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें
मौन या ध्यान में कुछ समय बिताएं

नोट: यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। कोई भी उपाय आज़माने से पहले विशेषज्ञ या आचार्य की सलाह अवश्य लें।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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