द लोकतंत्र: भारत को अगर आस्था और चमत्कारों की धरती कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। देश के चार धामों में से एक पुरी का जगन्नाथ धाम न सिर्फ़ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यहाँ के रहस्य और परंपराएं विज्ञान को भी चुनौती देती हैं।
झंडा बदलने की अद्भुत परंपरा
जगन्नाथ मंदिर की सबसे बड़ी परंपरा है, मंदिर के गुंबद पर लगे झंडे को प्रतिदिन बदलना। यह काम एक पुजारी बिना किसी सुरक्षा उपकरण के करता है। खास बात यह है कि यह ऊँचाई लगभग 45 मंजिला इमारत के बराबर होती है। मान्यता है कि अगर किसी दिन यह रस्म छूट जाए तो मंदिर के द्वार 18 वर्षों तक बंद हो जाते हैं।
हवा के विपरीत लहराता झंडा
मंदिर के ऊपर लगा झंडा हमेशा हवा की दिशा के विपरीत लहराता है। इस रहस्य को अब तक कोई वैज्ञानिक पूरी तरह समझ नहीं पाया है। भक्त इसे भगवान जगन्नाथ का चमत्कार मानते हैं।
सुदर्शन चक्र का रहस्य
मंदिर के शीर्ष पर लगा सुदर्शन चक्र एक और चमत्कार से कम नहीं। इसे जिस दिशा से देखें, यह हमेशा एक जैसा ही दिखता है। वास्तु और शिल्प कला का ऐसा उदाहरण दुनिया में विरला ही है।
प्रसाद बनाने की अनोखी विधि
जगन्नाथ धाम में प्रसाद को सात बर्तनों में एक के ऊपर एक रखकर पकाया जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि सबसे पहले ऊपर वाला बर्तन पकता है और फिर क्रमशः नीचे के बर्तन पकते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
सिंह द्वार का रहस्य
जब कोई भक्त सिंह द्वार से मंदिर में प्रवेश करता है, तो बाहर से सुनाई देने वाली समुद्र की लहरों की आवाज़ अचानक गायब हो जाती है। बाहर गूंजता समुद्र मंदिर के अंदर शांत हो जाता है।
जगन्नाथ धाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि यह भारत की आस्था, वास्तुकला और चमत्कारों का संगम है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं और इन रहस्यों को अपनी आँखों से देखना चाहते हैं।