द लोकतंत्र: श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से समस्त पापों से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
साल 2025 में कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई, सोमवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 20 जुलाई को दोपहर 12:12 मिनट से होगा और इसका समापन 21 जुलाई को सुबह 9:38 बजे होगा।
पुराणों और धर्मशास्त्रों में इस दिन दान की विशेष महत्ता बताई गई है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना पुण्य प्रदान करता है और जीवन में समृद्धि लाता है। कामिका एकादशी पर तीन विशेष चीजों का दान करना बहुत शुभ माना गया है, आइए जानते हैं इनके बारे में
अन्न का दान
हिंदू धर्म में अन्न दान को सबसे श्रेष्ठ दान माना गया है। कामिका एकादशी पर चावल, गेहूं, दाल, खीर आदि का दान करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में अन्न की कभी कमी नहीं होती। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है।
तिल का दान
काले या सफेद तिल का दान इस दिन विशेष फलदायी माना गया है। तिल दान से पितरों को शांति मिलती है और उनकी आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, तिल दान करने से सभी पापों का क्षय होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है।
पीले वस्त्रों का दान
भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। ऐसे में पीले वस्त्रों का दान करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन जरूरतमंदों को पीले वस्त्र दान करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
कामिका एकादशी का व्रत और इन तीन चीजों का दान न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी होता है, बल्कि यह व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आर्थिक उन्नति की ओर भी अग्रसर करता है।