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Marigold Flower Vastu: गेंदे का फूल क्यों है पूजनीय, जानें वास्तु शास्त्र में इसका महत्व

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द लोकतंत्र: हिंदू संस्कृति में फूलों का विशेष महत्व माना जाता है। इन फूलों में गेंदे का फूल (Marigold Flower) सबसे अधिक पूजनीय और लोकप्रिय है। इसकी सुंदरता, चमकदार रंग और मधुर सुगंध न केवल वातावरण को आकर्षक बनाती है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसे अत्यंत शुभ माना गया है।

गेंदे का प्रयोग पूजा-पाठ, विवाह समारोह और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में प्राचीन काल से होता आ रहा है। मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को यह फूल बेहद प्रिय है। जब भक्त गेंदे की माला या थाल में इसके फूल अर्पित करते हैं, तो देवी-देवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पूजा में गेंदे का महत्व

माना जाता है कि पूजा में गेंदे के फूल का प्रयोग करने से घर-परिवार पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। यह भक्त को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इसके फूलों की माला मंदिरों और घरों के पूजा स्थल को पवित्र और शुभ वातावरण से भर देती है।

वास्तु शास्त्र और गेंदे का पौधा

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार गेंदे का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसकी सुगंध वातावरण को शुद्ध कर परिवार के बीच सामंजस्य और खुशहाली बनाए रखती है। ऐसा भी कहा जाता है कि गेंदे का पौधा घर में धन-समृद्धि और प्रगति के अवसर लेकर आता है।

अगर रोजाना पूजा में गेंदे के फूलों का प्रयोग किया जाए, तो माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

पौधा लगाने की दिशा

गेंदे का पौधा लगाने की दिशा भी वास्तु के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण है। इसे घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में लगाना सबसे शुभ माना जाता है। यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है। इसके अलावा, पूर्व या उत्तर दिशा में भी गेंदे का पौधा लगाया जा सकता है। इससे घर में शांति और प्रगति बनी रहती है।

मुख्य द्वार पर गेंदे का महत्व

घर के मुख्य द्वार (Main Entrance) पर गेंदे का पौधा या फूलों की माला लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। यह नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकता है और हर आगंतुक पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

किन स्थानों पर न लगाएं

गेंदे का पौधा दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक असर पड़ सकता है। रसोईघर, बाथरूम या गंदगी वाले स्थानों पर भी इस पौधे को नहीं रखना चाहिए, अन्यथा इसकी शुभता कम हो जाती है।

पौधे की देखभाल

गेंदे का पौधा हमेशा हरा-भरा और ताजगी से भरा होना चाहिए। मुरझाए फूल और सूखी पत्तियां नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं, इसलिए इन्हें नियमित रूप से हटाना चाहिए। पुराने फूलों को बहते जल में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है।

गेंदे का फूल केवल सजावट का साधन नहीं, बल्कि समृद्धि, शांति और ईश्वर की कृपा का प्रतीक है। सही दिशा में गेंदे का पौधा लगाकर और पूजा में इसके फूलों का उपयोग कर घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली लाई जा सकती है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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