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Negative Energy in Home: घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाली 8 गलतियां और उनके समाधान

the loktantra

द लोकतंत्र: किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे सुकून भरी जगह उसका घर होती है। यही वह स्थान है, जहां दिनभर की थकान के बाद आराम और मानसिक शांति मिलती है। लेकिन कई बार छोटी-छोटी आदतें या लापरवाहियां घर के वातावरण में नकारात्मकता और तनाव ला देती हैं। वास्तु और व्यवहारिक दृष्टि से ये बातें घर की ऊर्जा और परिवार के सदस्यों की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालती हैं। आइए जानते हैं वे कारण, जिनसे घर का माहौल प्रभावित हो सकता है, और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है।

सुबह देर से उठना

सुबह सूर्योदय से पहले उठना सकारात्मकता और स्फूर्ति लाता है। देर से उठने की आदत दिनभर सुस्ती, तनाव और आलस को बढ़ावा देती है, जिससे घर का वातावरण भी भारी महसूस होता है।

पानी का टपकना

घर के नल या पाइप से लगातार पानी टपकने से नमी और अव्यवस्था फैलती है। यह न सिर्फ पानी की बर्बादी है, बल्कि घर की ऊर्जा संतुलन को भी बिगाड़ देता है। समस्या दिखने पर तुरंत मरम्मत करवाएं।

खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान रखना

टूटे या काम न करने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण घर में अव्यवस्था और नकारात्मकता लाते हैं। ऐसे सामान को तुरंत रिपेयर कराएं या हटा दें, ताकि स्थान पर ताजगी और स्वच्छता बनी रहे।

टूटे जूते-चप्पल रखना

पुराने या टूटे फुटवियर घर में गंदगी और अव्यवस्था का कारण बनते हैं। इन्हें समय पर निकालकर जगह को साफ रखें।

पूजा-पाठ में लापरवाही

घर में नियमित पूजा, दीपक जलाना या सकारात्मक मंत्रोच्चारण मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। लापरवाही न करें और प्रतिदिन कुछ समय ध्यान या पूजा में लगाएं।

धूल और गंदगी जमने देना

धूल-मिट्टी या कचरा स्वास्थ्य और मन दोनों पर असर डालता है। नियमित सफाई न केवल स्वच्छता लाती है, बल्कि घर को हल्का और सुखद बनाती है।

कपड़े या आटा बाहर छोड़ना

धुले हुए कपड़ों को रातभर बाहर छोड़ना या आटे की पिंड को लंबे समय तक रखना अव्यवस्था फैलाता है। इन चीजों को समय पर समेटने से घर साफ-सुथरा और ऊर्जा से भरपूर रहता है।

दरवाजों-खिड़कियों से आवाज आना

चरमराते दरवाजे और खिड़कियां मानसिक शांति को प्रभावित करती हैं। इनके हिंज में ऑयलिंग करवाएं या मरम्मत कराएं, ताकि घर का वातावरण शांत और सुकूनभरा बना रहे।

घर की सकारात्मकता बनाए रखने के लिए स्वच्छता, समय पर कार्य और थोड़ी सी सजगता जरूरी है। इन छोटी-छोटी आदतों पर ध्यान देकर न केवल घर के वातावरण में सुख-शांति लाई जा सकती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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