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Panchak 2025: पंचक में क्या करें और क्या वर्जित है, शुभ और अशुभ कार्यों की पूरी जानकारी

the loktantra

द लोकतंत्र : अक्टूबर 2025 में दो बार पंचक का साया रहेगा। पहला पंचक 3 अक्टूबर से शुरू होकर 8 अक्टूबर तक रहेगा, जबकि दूसरा 31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक रहेगा। पंचक को ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है और इस दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं। यदि आप पंचक के दौरान कोई महत्वपूर्ण कार्य करना चाहते हैं तो इसकी जानकारी रखना बेहद जरूरी है।

पंचक के प्रकार

पंचक पाँच प्रकार के होते हैं, रोगग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक और मृत्यु पंचक।
रविवार से रोग पंचक
सोमवार से राज पंचक
मंगलवार से अग्नि पंचक
शुक्रवार से चोर पंचक
शनिवार से मृत्यु पंचक
पंचक का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि पंचक किस दिन से शुरू हो रहा है।

पंचक में वर्जित कार्य

पंचक के दौरान कई कार्यों को करना अशुभ माना जाता है। इनमें शामिल हैं:
विवाह और सगाई
गृह प्रवेश और नया वाहन खरीदना
सिर्फ लकड़ी या ईंधन से बनी चीजें खरीदना
दक्षिण दिशा की यात्रा करना
भूमि पूजन या नया निर्माण कार्य शुरू करना
बाल कटवाना (असामान्य परिस्थितियों में ही)

इन कार्यों को पंचक में करने से धनहानि, परिवार में कलह और अन्य नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

पंचक में किए जा सकने वाले कार्य

कुछ कार्यों पर पंचक का असर नहीं पड़ता, जैसे:
कपड़े, आभूषण और दैनिक उपयोग की चीजें खरीदना
छोटे स्तर के धार्मिक अनुष्ठान (विशेष ज्योतिष सलाह के अनुसार)

यानी, यदि आप पंचक में कोई जरूरी खरीदारी करना चाहते हैं, तो रोजमर्रा की वस्तुएँ और कपड़े खरीदना सुरक्षित माना जाता है।

यात्रा और वाहन खरीद

पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा से बचना चाहिए। इस दिशा को यमराज से जोड़ा गया है और यात्रा करने से दुर्घटना या आर्थिक हानि हो सकती है। वाहन खरीदना भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अशुभ है, हालांकि कुछ राज पंचक में इसे किया जा सकता है।

पंचक काल को धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है। इस अवधि में शुभ कार्यों, विवाह, गृह प्रवेश, नया निर्माण या कीमती चीजों की खरीदारी टालनी चाहिए। वहीं, कपड़े, आभूषण और रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीदारी संभव है। पंचक में किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय से पहले ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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