Advertisement Carousel
Spiritual

Pooja Room Tips: पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए जरूरी नियम

the loktantra

द लोकतंत्र: घर का पूजा स्थान सबसे पवित्र और शांत कोना होता है, जहां हम ईश्वर से जुड़ते हैं और मानसिक शांति पाते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में की गई छोटी-छोटी गलतियां इस पवित्र स्थान की शुद्धता को प्रभावित कर देती हैं। वास्तुशास्त्र और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा घर की स्वच्छता और ऊर्जा को बनाए रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं वे गलतियां, जिनसे बचकर आप अपने पूजा स्थान में सकारात्मकता बनाए रख सकते हैं।

बहुत अधिक विग्रह या फोटो न रखें

पूजा घर में देवी-देवताओं की अनगिनत तस्वीरें या मूर्तियां रखने से ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है। हमेशा इष्ट देवी-देवता की तस्वीर या मूर्ति ही स्थापित करें और बाकी तस्वीरों को अलग स्थान पर रखें।

पूर्वजों की तस्वीरें न रखें

अक्सर लोग अपने पूर्वजों की तस्वीरें पूजा घर में रख देते हैं, लेकिन यह वास्तु के अनुसार उचित नहीं माना जाता। पूर्वजों की स्मृतियां अतीत से जुड़ी होती हैं, जबकि पूजा स्थल वर्तमान में ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है। पूर्वजों के चित्र को घर के किसी अन्य साफ स्थान पर स्थापित करें।

मुरझाए फूल और बासी प्रसाद से बचें

पूजा घर में मुरझाए फूल या बासी प्रसाद रखने से कीड़े-मकौड़े पनप सकते हैं और स्थान की सकारात्मकता कम हो जाती है। रोजाना फूल बदलें और प्रसाद को समय पर वितरित करें।

नियमित सफाई करें

पूजा स्थान की सफाई सप्ताह में कम से कम दो से तीन बार जरूर करें। सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मंदिर की सफाई करना शुभ माना जाता है। सफाई के बाद वहां हल्का धूप या दीपक जलाएं।

शुद्धिकरण के उपाय अपनाएं

पूजा स्थल की ऊर्जा को और अधिक पवित्र रखने के लिए महीने में एक बार हल्दी, नमक और गंगाजल से मिश्रित पानी से सफाई करें। यह न केवल स्वच्छता बढ़ाता है, बल्कि वातावरण को भी शुद्ध बनाता है।

सुरक्षा और सकारात्मकता के प्रतीक रखें

आप पूजा घर में क्रिस्टल, शंख या बुरी नजर से बचाव के लिए सुरक्षा यंत्र रख सकते हैं। ये प्रतीक सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और नकारात्मकता को दूर रखने में सहायक माने जाते हैं।

पूजा घर की स्वच्छता और सही व्यवस्था मानसिक शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव कराती है। कुछ सरल नियमों का पालन करके आप अपने घर के मंदिर को सकारात्मकता से भर सकते हैं और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

साधना के चार महीने
Spiritual

Chaturmas 2025: चार महीने की साधना, संयम और सात्विक जीवन का शुभ आरंभ

द लोकतंत्र: चातुर्मास 2025 की शुरुआत 6 जुलाई से हो चुकी है, और यह 1 नवंबर 2025 तक चलेगा। यह चार
SUN SET
Spiritual

संध्याकाल में न करें इन चीजों का लेन-देन, वरना लौट सकती हैं मां लक्ष्मी

द लोकतंत्र : हिंदू धर्म में संध्याकाल यानी शाम का समय देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। यह वक्त