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Raksha Bandhan Mantra: राखी बांधते समय इस मंत्र का जाप क्यों जरूरी है?

द लोकतंत्र: रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को प्रेम, आशीर्वाद और सुरक्षा के धागे में बांधता है। यह सिर्फ एक रिवाज नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर शुभ मुहूर्त की बात करें तो सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा।

राखी बांधते समय क्यों जरूरी है मंत्र?
राखी सिर्फ एक धागा नहीं होती, यह रक्षा सूत्र होती है। जब बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो उसके साथ एक विशेष मंत्र का उच्चारण करना शुभ माना जाता है। यह मंत्र न केवल भाई की लंबी उम्र की कामना करता है, बल्कि नकारात्मक शक्तियों से उसकी रक्षा भी करता है।

कौन सा मंत्र बोलें राखी बांधते समय?
“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचलः॥”

इस मंत्र का अर्थ है, “जिस रक्षा सूत्र से महाबली दानव राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षा सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं, यह रक्षा सूत्र तुम्हारी रक्षा करेगा, अडिग रहो।”

इस मंत्र का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, किसी भी पूजा या अनुष्ठान में जब तक मंत्रों का उच्चारण नहीं किया जाता, वह पूर्ण नहीं मानी जाती। यही बात रक्षाबंधन पर भी लागू होती है। जब बहन राखी बांधते समय यह मंत्र बोलती है, तो यह एक आशीर्वाद कवच बनकर भाई की रक्षा करता है।

सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा
पूजापाठ में जब कलावा बांधा जाता है, तब भी पुजारी मंत्र का जाप करता है ताकि सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो और नकारात्मकता दूर जाए। ठीक उसी प्रकार, जब राखी मंत्रोच्चारण के साथ बांधी जाती है, तो यह केवल एक धागा नहीं रह जाता, बल्कि दैवीय ऊर्जा से युक्त रक्षा कवच बन जाता है।

राखी के साथ और क्या रखें?
राखी बांधते समय रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई और नारियल का होना भी आवश्यक होता है। ये सभी वस्तुएं भाई की समृद्धि और आरोग्यता का प्रतीक हैं। अगर मंत्र के साथ राखी बांधी जाए, तो यह त्योहार और भी शुभ बन जाता है।

रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय इस मंत्र का जाप करके आप अपने भाई को सिर्फ रक्षा सूत्र नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच भी दे सकती हैं। यह मंत्र रिश्तों में विश्वास, प्रेम और शक्ति का प्रतीक है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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