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Good Luck: भाग्य बदलने वाले सनातनी उपाय, जानिए कैसे बढ़ाएं अपने जीवन का गुडलक

द लोकतंत्र: इंसान के जीवन में कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं, जब न मेहनत रंग लाती है और न ही दुआएं असर करती हैं। ऐसी परिस्थितियों में व्यक्ति मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक तनाव से घिर जाता है। अगर आप भी ऐसी ही किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसे प्राचीन सनातनी उपाय लेकर आए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का द्वार खोल सकते हैं।

गणपति पूजन से होगी बाधाओं की समाप्ति:
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है। जीवन की हर परेशानी से उबरने के लिए प्रतिदिन गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। यह उपाय न केवल आपके मार्ग की बाधाएं दूर करेगा, बल्कि सुख और सिद्धि भी प्रदान करेगा।

जल्दी उठना बदलेगा भाग्य:
हिंदू शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद तक सोता है, उसका भाग्य भी सोया रहता है। यदि आप जीवन में तरक्की चाहते हैं तो सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करें। यह आदत आपके जीवन में अनुशासन और ऊर्जा दोनों लाएगी।

बृहस्पति देव का आशीर्वाद पाने के लिए करें ये उपाय:
गुरु ग्रह को धन, सौभाग्य और प्रतिष्ठा का कारक माना गया है। इसके लिए गुरुवार को केसर का तिलक लगाएं। प्रतिदिन ऐसा संभव न हो तो सप्ताह में कम से कम एक बार यह उपाय अवश्य करें। इससे जीवन में स्थायित्व और समृद्धि आती है।

मुख्य द्वार पर हल्दी युक्त जल छिड़कें:
प्रत्येक सुबह स्नान के बाद एक पात्र में जल और हल्दी मिलाकर अपने मुख्य द्वार पर छिड़कें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गाय सेवा और तुलसी पूजन से मिलेगी लक्ष्मी कृपा:
हिंदू परंपरा में गाय को 33 कोटि देवताओं का वास स्थान माना गया है। यदि संभव हो तो रोज़ गाय को पहली रोटी दें। वहीं, शाम को तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाएं और मनोकामना करें। इससे माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

प्रदोष व्रत और सावन माह में बढ़ाएं पुण्यफल:
सावन माह में आने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन शिव जी का पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। शुभ मुहूर्त में व्रत एवं पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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