द लोकतंत्र: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि से सितंबर 2025 (September 2025) की शुरुआत हो रही है। यह महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें गणेश उत्सव, अनंत चतुर्दशी, जीवित्पुत्रिका व्रत, पितृ पक्ष, शारदीय नवरात्रि जैसे बड़े पर्व शामिल हैं। इसके साथ ही इस महीने सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसी महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं भी होंगी।
सितंबर माह के प्रमुख त्योहार और व्रत
3 सितंबर 2025 – परिवर्तिनी एकादशी
4 सितंबर 2025 – वामन जयंती, कल्कि द्वादशी
6 सितंबर 2025 – गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी
7 सितंबर 2025 – भाद्रपद पूर्णिमा व्रत और साल का अंतिम चंद्र ग्रहण
8 सितंबर 2025 – पितृ पक्ष की शुरुआत
14 सितंबर 2025 – जीवित्पुत्रिका व्रत
17 सितंबर 2025 – इंदिरा एकादशी, कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा
21 सितंबर 2025 – सर्वपितृ अमावस्या
22 सितंबर 2025 – शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ और घटस्थापना
30 सितंबर 2025 – दुर्गाष्टमी और सरस्वती पूजा
इनके अलावा कई छोटे-बड़े व्रत और पर्व पूरे महीने भक्तों को धार्मिक उत्साह से भर देंगे।
पितृ पक्ष और नवरात्रि
सितंबर के दूसरे सप्ताह से पितृ पक्ष शुरू होगा, जिसमें लोग अपने पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करेंगे। इसके बाद 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होगा, जिसमें भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करेंगे।
सितंबर 2025 में ग्रहण
सितंबर में दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होंगी –
7 सितंबर 2025 को साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, जो भारत में दिखाई देगा। यह रात 9:58 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर को सुबह 1:26 बजे समाप्त होगा।
21-22 सितंबर 2025 को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन वैश्विक स्तर पर इसका असर रहेगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से खास
सितंबर 2025 में बुध, सूर्य और शुक्र का राशि परिवर्तन भी होगा। 4 सितंबर को बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। 16 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में जाएंगे और 18 सितंबर को शुक्र तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इन ग्रहों की चाल से कुछ राशियों पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
सितंबर 2025 धार्मिक और खगोलीय दोनों ही दृष्टियों से खास रहेगा। इस महीने व्रत-त्योहारों, पितृ पक्ष और नवरात्रि की धूम रहेगी। साथ ही सूर्य और चंद्र ग्रहण तथा ग्रहों के परिवर्तन से यह महीना ज्योतिषीय रूप से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।