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28 नवंबर शनि गोचर: ‘देवगुरु की राशि’ में मार्गी होकर शनि देंगे 5 राशियों को धन, कर्म और स्थिरता का महावरदान

The loktnatra

द लोकतंत्र : भारतीय ज्योतिष में कर्म, न्याय और अनुशासन के कारक ग्रह माने जाने वाले शनिदेव ने 28 नवंबर 2025 को अपनी चाल बदलकर सीधी गति (मार्गी) धारण कर ली है। यह खगोलीय घटना सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर मीन राशि में हुई और शनिदेव अब 27 जुलाई 2026 तक इसी अवस्था में बने रहेंगे। शनि का यह मार्गी होना कई लोगों के जीवन में स्थिरता, नई दिशा और बेहतरी लाने वाला माना जा रहा है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, शनि का मार्गी होना रुके हुए कार्यों में तेजी लाने और परिणामों में स्पष्टता सुनिश्चित करता है।

वक्री काल की समाप्ति और मार्गी का आरंभ

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनि के वक्री (Retrograde) रहने की अवधि में कार्य बाधित होते हैं, महत्वपूर्ण फैसलों में देरी होती है और मन पर अनिश्चितता हावी रहती है।

  • रुकावटों की समाप्ति: जैसे ही शनि मार्गी होते हैं, रुके हुए कार्य तेजी से आगे बढ़ने लगते हैं। यह परिवर्तन जीवन में नई गति, स्थिरता और परिणामों की स्पष्टता देखने को मिलती है।
  • भावनात्मक उतार-चढ़ाव: ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया कि 25 नवंबर से 30 नवंबर के बीच, शनि की चाल बदलने के दौरान ऊर्जा में तीव्र परिवर्तन के चलते लोग बेचैनी, असमंजस और भावनात्मक उतार-चढ़ाव महसूस कर सकते हैं, जो पुराने अध्यायों के पूर्ण विराम और नई शुरुआत की ओर संकेत करता है।

5 राशियों के लिए भाग्य का उदय

ज्योतिषाचार्य सुरभि जैन के अनुसार, शनि का यह मार्गी होना विशेष रूप से पाँच राशियों के लिए बेहद फलदायी रहने वाला है, जिनके लिए भाग्य के द्वार खुलेंगे और लंबे समय से चली आ रही बाधाएं दूर होंगी।

  • मेष (Aries): करियर में उन्नति और नए अवसरों की प्राप्ति।
  • वृषभ (Taurus): आर्थिक मजबूती और धन लाभ की प्रबल संभावना।
  • मीन (Pisces): मानसिक शांति, आत्मविश्वास और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों में सफलता।
  • मकर (Capricorn): नौकरी पेशा लोगों को पदोन्नति (Promotion), मान-सम्मान और व्यवसायियों को नए सौदों में मुनाफ़ा।
  • कुंभ (Aquarius): पारिवारिक तालमेल और स्वास्थ्य में सुधार के योग।

गहरे परिवर्तन और पुनर्निर्माण का समय

शनि देव का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में मार्गी होना इस गोचर को और भी महत्वपूर्ण बना देता है।

  • पुनर्निर्माण: ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में किसी भी कार्य की प्राप्ति आसान नहीं होती; यहाँ पुराने ढांचे टूटते हैं और नए निर्माण की शुरुआत होती है। इसलिए, यह समय जीवन में गहरे परिवर्तन, जिम्मेदारियों और पुनर्निर्माण का द्योतक माना जा रहा है।
  • सफलता का क्षेत्र: शिक्षा के क्षेत्र में भी छात्रों के लिए यह समय सफलताओं से भरा माना जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को राहत मिलने के संकेत हैं।

यह खगोलीय परिवर्तन कई जीवनों की दिशा तय करेगा और आने वाले महीनों में इसका सुस्पष्ट प्रभाव महसूस होगा, जिसमें ईमानदारी से किए गए कर्मों का स्थिर और सकारात्मक परिणाम मिलेगा।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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