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Sharadiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि व्रत के नियम, क्या करें और क्या न करें, महत्व और तिथि

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द लोकतंत्र: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। इस वर्ष यह पावन पर्व सोमवार, 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। 2 अक्टूबर को विजयदशमी (दशहरा) मनाई जाएगी और मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन होगा।

नवरात्रि का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक की पूजा-अर्चना करते हैं।

नवरात्रि व्रत में क्या करें (What to Do During Navratri Fast)

  • नवरात्रि से पहले घर और पूजाघर की अच्छी तरह सफाई करें।
  • पहले दिन स्नान कर व्रत का संकल्प लें और कलश स्थापना करें।
  • कलश में जल, सुपारी, दूर्वा, फूल रखें और ऊपर नारियल रखें।
  • नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने का संकल्प लें।
  • मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करें और सुबह-शाम आरती करें।
  • व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें – जैसे साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, आलू, दही, फल और जूस।
  • नमक के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग करें।

नवरात्रि व्रत में क्या न करें (What Not to Do During Navratri Fast)

  • तामसिक भोजन (मांसाहार, लहसुन, प्याज) का सेवन न करें।
  • सिगरेट, शराब और तंबाकू से परहेज करें।
  • व्रत के दौरान दाल, अनाज और भारी भोजन से बचें।
  • नौ दिनों तक बाल, नाखून या दाढ़ी न काटें।

नवरात्रि व्रत का महत्व (Importance of Navratri Fasting)

नवरात्रि में 9 दिनों के उपवास का धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टि से महत्व है।

  • धार्मिक मान्यता है कि व्रत से आत्मा शुद्ध होती है और मन में एकाग्रता आती है।
  • मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर भक्त आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
  • सात्विक भोजन से शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन तंत्र को आराम देने में मदद मिलती है।
  • उपवास से नकारात्मक विचार कम होते हैं और साधना में सफलता मिलती है।

Sharadiya Navratri 2025 केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का अवसर है। व्रत के नियमों का पालन करके आप आध्यात्मिक लाभ के साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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