द लोकतंत्र : सनातन धर्म में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाने वाला तुलसी विवाह का पर्व अत्यंत पवित्र त्योहार माना गया है। यह दिन माता तुलसी (वृंदा) और शालिग्राम भगवान (विष्णु का रूप) के विवाह को समर्पित है, जिससे मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है।
इस साल यह पावन पर्व 2 नवंबर 2025 (रविवार) को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन जो भक्त विधि-विधान से तुलसी विवाह संपन्न करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
तुलसी विवाह के दिन लोग अपने घर के आंगनों में मंडप लगाकर, तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाते हैं। उन्हें चुनरी, कंगन और बिंदी आदि से तैयार करते हैं। इसके बाद भगवान शालिग्राम को भी वर रूप में सजाया जाता है। फिर पूरी वैवाहिक रीति से मंत्रोच्चारण के साथ पूजा को संपन्न किया जाता है।
आइए जानते हैं वे तीन सरल और अचूक उपाय, जिन्हें तुलसी विवाह के दिन करने से विवाह के योग मजबूत होते हैं और वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
विवाह में आ रही परेशानियों को दूर करने के 3 अचूक उपाय:
1. हल्दी मिश्रित पानी से स्नान और गुरु ग्रह को करें मजबूत
विवाह में देरी या अन्य संबंधित परेशानियों का एक कारण गुरु ग्रह बृहस्पति का कमजोर होना माना जाता है। तुलसी विवाह के दिन किया गया यह उपाय गुरु ग्रह को मजबूत बनाता है।
उपाय: जिनके जीवन में विवाह से संबंधित परेशानियां आ रही हैं, वे तुलसी विवाह के दिन सुबह स्नान करने से पहले पानी में एक चुटकी हल्दी मिला लें।
महत्व: यह करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
अर्पित करें: फिर तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की पूजा के समय उन्हें हल्दी का लेप या हल्दी मिश्रित दूध अर्पित करें। इससे व्यक्ति का गुरु ग्रह बृहस्पति बदल जाता है और विवाह के योग मजबूत होते हैं।
2. गठबंधन करें और ब्राह्मण को दान दें
तुलसी विवाह का विवाह-संस्कार सबसे जरूरी चरण होता है। पूजा के बाद किया गया दान अक्षय पुण्य देता है।
गठबंधन: इस दिन पूजा के बाद भगवान शालिग्राम और तुलसी माता को मौली (कलावा) से आपस में बांधकर गठबंधन किया जाता है। यह गठबंधन वैवाहिक बंधन की मजबूती का प्रतीक है।
दान: गठबंधन के बाद किसी गरीब, ब्राह्मण या कन्या को फल, मिठाई या वस्त्र का दान करने की परंपरा है।
फल: यह दान करने से अत्यंत शुभ फल मिलता है और जल्द ही विवाह के संयोग बनते हैं।
3. देसी घी का दीपक और वैदिक मंत्र का जप
शाम के वक्त दीपदान करना माता तुलसी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है।
दीपदान: तुलसी विवाह के दिन शाम के वक्त तुलसी के पौधे के नीचे शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और जलाते समय अपनी मन की मनोकामना कहें।
तुलसी चालीसा और मंत्र जप: दीपक जलाने के बाद तुलसी चालीसा का पाठ करें और देवी का वैदिक मंत्र (जो मनचाहे विवाह के लिए समर्पित है) का जप करें।
मंत्रजप संख्या “ऊं सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा” 11 या 108 बार
यह जप करने से तुलसी माता प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार में सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा विवाह की हर बाधा दूर होती है।

