द लोकतंत्र : पंचांग के अनुसार, साल 2025 में तुलसी विवाह का पावन पर्व 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार, भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम जी और माता तुलसी के विवाह का प्रतीक है। यह पर्व देवउठनी एकादशी के ठीक अगले दिन होता है और इसी के साथ चातुर्मास का विधिवत समापन हो जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से पूजा और विवाह संपन्न कराने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और अविवाहित कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस दिन तुलसी का विवाह करने वाले दंपत्तियों को कन्यादान के समान पुण्यफल प्राप्त होता है।
हालांकि, अक्सर लोग जल्दबाजी में पूजा की कुछ जरूरी सामग्रियां भूल जाते हैं, जिनके बिना विवाह अनुष्ठान अधूरी मानी जाती है और इसका पूरा फल नहीं मिल पाता। आइए जानते हैं वे कौन-सी 5 खास सामग्रियां हैं, जिन्हें आपको तुलसी विवाह की पूजा में बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए:
तुलसी विवाह की पूजा में अनिवार्य हैं ये 5 खास सामग्री
| क्रम संख्या | सामग्री का नाम | महत्व और कारण |
| 1. | माता तुलसी के लिए सुहाग सामग्री | माता तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। उन्हें चुनरी, चूड़ियाँ, सिंदूर, मेहंदी आदि अर्पित करने से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। इसके बिना विवाह का अनुष्ठान पूरा नहीं होता। |
| 2. | गन्ना और मौसमी फल/सब्जियां | गन्ने से मंडप बनाना विवाह संस्कार का एक अहम हिस्सा है। मूली, सिंघाड़ा और आंवला जैसी मौसमी सब्जियां और फल अर्पित करना इस बात का संकेत है कि अब फसलें और शुभ कार्य पुनः शुरू हो गए हैं। |
| 3. | शालिग्राम जी और तुलसी के लिए वस्त्र | विवाह संस्कार को पूर्णता देने के लिए दोनों स्वरूपों को नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। हल्दी की गांठ का उपयोग विवाह की रस्मों और शालिग्राम जी को हल्दी लगाने में किया जाता है। |
| 4. | भोग में तुलसी दल या पंचामृत | भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित किए बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है। भोग में तुलसी के पत्ते डालना या पंचामृत बनाना अत्यंत अनिवार्य है। |
| 5. | घी के दीपक (11 या 21) | तुलसी विवाह की संध्याकाल की पूजा बिना दीपकों के अधूरी है। 11 या 21 घी के दीपक जलाना न केवल मंडप को प्रकाशित करता है, बल्कि यह घर में सकारात्मकता और मां लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक भी है। |
तुलसी विवाह पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
पूजा को बिना किसी बाधा के संपन्न करने के लिए आपको इन सभी खास सामग्रियों को अपनी तैयारी में जरूर शामिल करना चाहिए:
तुलसी का पौधा और गमला (जिसे गेरू से रंगा जा सकता है)
भगवान शालिग्राम की प्रतिमा
पूजा की चौकी और कलश
सुहाग सामग्री (चुनरी, चूड़ियां, सिंदूर, मेहंदी, बिंदी आदि)
गन्ना और केले के पत्ते (मंडप बनाने के लिए)
हल्दी की गांठ, रोली, चंदन, अक्षत (चावल)
धूप, दीप (घी और बत्ती), कपूर
मौसमी फल (मूली, सिंघाड़ा, आंवला) और मिठाई (भोग)
शालिग्राम जी के लिए वस्त्र और पुष्प माला
कच्चा सूत (विवाह बंधन के लिए)
गंगाजल या शुद्ध जल
इन सामग्रियों को समय से जुटाकर आप तुलसी विवाह के पावन पर्व को विधि-विधान से मना सकते हैं और भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

