द लोकतंत्र : भारतीय शास्त्रों और परंपराओं में मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है, वहाँ लोगों की तिजोरी हमेशा धन-धान्य से भरी रहती है। वहीं, यदि देवी लक्ष्मी रुष्ट होकर घर से चली जाएं, तो व्यक्ति को गरीबी और दरिद्रता के भयंकर बादल घेर लेते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिन ढलने यानी सूर्यास्त या रात के समय अनजाने में की गई कुछ विशेष गलतियां देवी लक्ष्मी को अप्रसन्न कर सकती हैं और वह उस घर का त्याग कर देती हैं।
संध्याकाल का धार्मिक महत्व
संध्याकाल (सूर्यास्त का समय) को ज्योतिष और धर्मशास्त्रों में संधि काल माना गया है, जब दिन और रात मिलते हैं। इस समय पूजा-पाठ और ध्यान को महत्व दिया जाता है, जबकि कई तामसिक और अशुभ कार्यों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इन गलतियों को करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) नष्ट होती है, जिससे लक्ष्मी का वास असंभव हो जाता है।
दरिद्रता लाते है ये काम
वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञों ने सूर्यास्त के बाद चार प्रमुख कार्यों को अशुभ बताया है, जिनसे तत्काल दूरी बनाना आवश्यक है:
- नाखून और बाल काटना: शास्त्रों में सूर्यास्त या रात के समय बाल या नाखून काटना बेहद अशुभ माना गया है। यह कार्य न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि आर्थिक समृद्धि के लिए भी हानिकारक है। मान्यता है कि जो लोग यह गलती करते हैं, वे लाख कोशिशों के बावजूद आर्थिक मोर्चे पर हमेशा कंगाल रह जाते हैं, क्योंकि इससे घर की बरकत रुक जाती है।
- खट्टी वस्तुओं का दान: वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम के समय खट्टे पदार्थ, हल्दी, दूध, नमक या किसी भी सफेद चीज़ का दान नहीं करना चाहिए। ये वस्तुएँ घर की समृद्धि और संपन्नता से जुड़ी होती हैं। इन वस्तुओं का दान करने से देवी लक्ष्मी की कृपा रुक जाती है और आर्थिक समस्याएँ बढ़ने लगती हैं।
- रात के समय झाड़ू लगाना: झाड़ू को स्वयं मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। वास्तु के जानकार कहते हैं कि सूर्यास्त के बाद या रात्रि काल में झाड़ू लगाने से घर की लक्ष्मी बाहर चली जाती है। यदि किसी अपरिहार्य कारणवश सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगानी पड़े, तो कूड़े को घर के बाहर न निकालें; उसे किसी कोने में इकट्ठा करके अगले दिन सुबह ही घर से बाहर निकालें।
- रात में जूठे बर्तन छोड़ना: रात को भोजन करने के बाद रसोई में जूठे बर्तन यूं ही छोड़ना वास्तु दोष पैदा करता है। कहा जाता है कि जिस घर में लोग भोजन के बाद रसोई में गंदे बर्तन छोड़कर सो जाते हैं, वहाँ देवी लक्ष्मी के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा की भी कृपा नहीं होती है। ऐसे घरों में हमेशा अन्न और धन का अभाव बना रहता है।
इन गलतियों से बचना केवल अंधविश्वास नहीं, बल्कि स्वच्छता, व्यवस्था और समय के प्रति सम्मान का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र का उद्देश्य घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार सुनिश्चित करना है। सूर्यास्त के बाद इन कार्यों से दूर रहकर व्यक्ति न केवल धार्मिक मान्यताओं का पालन करता है, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा को भी बनाए रखने में सफल होता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और धन का वास होता है।

