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Vastu Dosh है धन की कमी और अशांति का कारण: दीवारों की सीलन से लेकर छत की सफाई तक, ये 4 गलतियां तुरंत सुधारें

The loktnatra

द लोकतंत्र : हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसके घर में निरंतर सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। इसके लिए वह अथक परिश्रम भी करता है। हालाँकि, कई बार अथक प्रयासों और ईमानदारी के बावजूद भी धन का प्रवाह बाधित होता है या मन में बेचैनी बनी रहती है। ज्योतिष और आध्यात्मिक विज्ञान के अनुसार, इसका कारण घर में मौजूद वास्तु दोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र, जो घर की बनावट और ऊर्जा के संतुलन पर आधारित है, मानता है कि कुछ सामान्य गलतियाँ माँ लक्ष्मी की कृपा को रोकती हैं।

वास्तु और ऊर्जा का संतुलन

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो दिशाओं, तत्वों और ऊर्जाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह सिद्धांत मानता है कि घर केवल ईंटों और सीमेंट का ढाँचा नहीं है, बल्कि एक जीवित ऊर्जा क्षेत्र है। सदियों से, भारतीय संस्कृति में घर बनाते समय या उसका रखरखाव करते समय इन सिद्धांतों का पालन किया जाता रहा है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का निरंतर प्रवाह बना रहे।

स्वच्छ्ता और ऊर्जा का समर्थन

यद्यपि कोई सरकारी संस्था सीधे वास्तु दोषों पर दिशानिर्देश जारी नहीं करती, लेकिन सरकारी अभियानों (जैसे स्वच्छ भारत अभियान) में स्वच्छता और साफ-सफाई पर जोर दिया जाता है। यह कहीं न कहीं वास्तु सिद्धांतों का समर्थन करता है, क्योंकि वास्तु भी मानता है कि गंदगी, कबाड़ और सीलन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, जो मानसिक शांति और भौतिक प्रगति को बाधित करती है।

नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, घर में धन की कमी और अशांति के पीछे चार प्रमुख वास्तु दोष हो सकते हैं:

  • दीवारों में सीलन: नमी और गीलापन माँ लक्ष्मी को अप्रिय है। यह न केवल संरचनात्मक क्षति पहुँचाता है, बल्कि मानसिक अशांति भी लाता है। विशेषज्ञ मरम्मत और उचित वेंटिलेशन की सलाह देते हैं।
  • छत पर कबाड़: छत को ‘गृह-मुख’ माना जाता है। छत पर कूड़ा, सूखे पत्ते या टूटी चीजें रखने से नकारात्मकता घर में प्रवेश करती है, जिससे बरकत रुक जाती है।
  • कांटेदार पौधे: घर के अंदर कैक्टस जैसे कांटेदार पौधे रखना तनाव और झगड़ों को जन्म देता है। तुलसी या मनी प्लांट जैसे शुभ पौधे सकारात्मकता लाते हैं।
  • झाड़ू का अनुचित रख-रखाव: झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसे खुले में रखना, तिजोरी के पास रखना या रात में लगाना अशुभ माना गया है।

जनता के लिए निहितार्थ: सरल सुधार और बरकत

इन वास्तु दोषों का निवारण बहुत सरल है और इसका सीधा प्रभाव व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है। ये उपाय जटिल अनुष्ठान नहीं, बल्कि दैनिक जीवन की स्वच्छता और व्यवस्था से जुड़े हैं:

  • दीवारों की मरम्मत कराकर घर को हमेशा सूखा और सुगंधित रखें।
  • नियमित रूप से छत की सफाई करें और वहाँ कबाड़ जमा न होने दें।
  • झाड़ू को हमेशा छिपाकर रखें और टूटी झाड़ू का उपयोग न करें।
  • घर के अंदर शुभ और सकारात्मक ऊर्जा वाले पौधे लगाएँ।

वास्तु शास्त्र के ये सरल नियम हमें बताते हैं कि सुख-शांति और धन की बरकत बाहरी प्रयासों के साथ-साथ आंतरिक व्यवस्था पर भी निर्भर करती है। घर की भौतिक और ऊर्जावान स्वच्छता बनाए रखकर हम न केवल वास्तु दोषों से बच सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा और सकारात्मकता के लिए एक उपयुक्त वातावरण भी तैयार कर सकते हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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