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Vastu Shastra के अनुसार घर में रखें ये 5 ‘Lucky Objects’: तुलसी, कलश और शंख लाते हैं सकारात्मक ऊर्जा, शांति, समृद्धि और आर्थिक स्थिरता

The loktnatra

द लोकतंत्र : वास्तुशास्त्र केवल घर की दिशाओं और स्थान का ज्ञान नहीं है, बल्कि यह जीवन में शांति, सकारात्मकता, खुशहाली और स्थिरता लाने का एक सरल और प्राचीन तरीका माना जाता है। भारत में लोग सदियों से वास्तु के नियमों का पालन करते आए हैं, क्योंकि यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा और प्रकृति के पाँच तत्वों के बीच संतुलन बनाने में सहायक होता है। यह माना जाता है कि अगर घर में कुछ खास शुभ वस्तुएँ सही जगह पर रखी जाएँ, तो उनका सीधा और सकारात्मक असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है। इससे मन शांत रहता है, रिश्तों में मिठास आती है और घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। वास्तु के अनुसार, घर में जिन पाँच चीज़ों को रखना अत्यंत शुभ माना गया है, उनका विश्लेषण निम्नलिखित है।

5 शुभ वस्तुएँ और उनके लाभ

1. तुलसी का पौधा

  • सनातन धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी और माँ तुलसी का साक्षात स्वरूप माना गया है। वास्तु के अनुसार, इसे घर के आँगन या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में लगाना चाहिए।
  • लाभ: तुलसी का पौधा वातावरण में शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। जहाँ इसकी नियमित पूजा होती है, वहाँ परिवार में प्रेम, सद्भाव और मानसिक शांति बनी रहती है।

2. पानी से भरा कलश

  • कलश को समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह जल तत्व (Water Element) को दर्शाता है, जिसे संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
  • लाभ: घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में पानी से भरा कलश रखने से जल तत्व संतुलित होता है। इससे मानसिक स्पष्टता, कामयाबी और आर्थिक स्थिरता बढ़ती है। कलश में चंदन, लौंग या फूल रखने से ऊर्जा और अधिक सकारात्मक होती है।

3. शंख

  • शंख को समुद्र का पवित्र उपहार और देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है।
  • लाभ: पूजा स्थल में शंख रखना या विशेष अवसरों पर इसे बजाना बेहद शुभ होता है। शंख की ध्वनि वातावरण को शुद्ध करती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है। यह घर में शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक माहौल बनाता है।

4. स्वास्तिक का चिन्ह

  • स्वास्तिक शुभता, सफलता और मंगल का एक सार्वभौमिक प्रतीक है।
  • लाभ: इसे घर के मुख्य द्वार या पूजा स्थल पर बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित होता है। स्वास्तिक नई शुरुआत और निरंतर प्रगति का संकेत भी देता है।

5. पीतल या तांबे की घंटी

  • वास्तुशास्त्र में पीतल (Brass) और तांबे (Copper) जैसी धातुओं को सबसे ज्यादा ऊर्जावान माना गया है।
  • लाभ: घर के मंदिर में पीतल की घंटी लगाना और पूजा के समय इसे बजाना बेहद शुभ होता है। घंटी की ध्वनि से उत्पन्न कंपन (Vibration) सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करते हैं और वातावरण की नकारात्मकता को दूर करते हैं, जिससे घर में शांति और स्पष्टता आती है।

ये पाँच वस्तुएँ – तुलसी, कलश, शंख, स्वास्तिक और धातु की घंटी – केवल सजावट की वस्तुएँ नहीं हैं, बल्कि ये पांच तत्वों (जल, वायु, आकाश, अग्नि, पृथ्वी) और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ तालमेल बिठाने का एक सरल साधन हैं। वास्तु के इन नियमों का पालन करके, लोग अपने जीवन में शांति, खुशहाली और निरंतर प्रगति के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर सकते हैं।

Disclaimer: इस न्यूज में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। द लोकतंत्र इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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