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Vastu Shastra: घर में भूलकर भी न लगाएं ये 5 पौधे, बढ़ सकता है कर्ज और कंगाली का खतरा

The loktnatra

द लोकतंत्र : प्राचीन भारतीय विद्या ‘वास्तु शास्त्र’ के अनुसार, हमारे परिवेश में मौजूद प्रत्येक वस्तु एक विशिष्ट ऊर्जा का उत्सर्जन करती है। पेड़-पौधे जहाँ एक ओर प्राणवायु (ऑक्सीजन) का स्रोत होते हैं, वहीं दूसरी ओर वे घर में सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा के वाहक भी बन सकते हैं। मनी प्लांट और तुलसी जैसे पौधे जहाँ सुख-समृद्धि लाते हैं, वहीं कतिपय पौधों का घर के भीतर होना गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन दोषों के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है और सदस्य कर्ज के जंजाल में फँस सकते हैं।

नकारात्मक ऊर्जा के स्रोत: वर्जित पौधों का विश्लेषण

वास्तु सिद्धांतों के आधार पर पाँच ऐसे पौधों की पहचान की गई है, जिन्हें आवासीय परिसर के भीतर लगाने से बचना चाहिए:

  • कैक्टस या नागफनी: कांटेदार पौधों को वास्तु में नकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। माना जाता है कि इनकी नुकीली संरचना रिश्तों में कटुता और मनमुटाव पैदा करती है।
  • पीपल का वृक्ष: यद्यपि धार्मिक रूप से पीपल अत्यंत पूजनीय है, परंतु घर की दीवार या आंगन में इसका उगना अशुभ माना जाता है। इसकी गहरी जड़ें मकान की नींव को क्षति पहुँचाने के साथ-साथ आर्थिक तंगी का कारक बनती हैं।
  • मेहंदी का पौधा: लोक मान्यताओं और वास्तु के अनुसार, मेहंदी के पौधे में नकारात्मक ऊर्जाओं का वास होता है। इसकी तीव्र गंध घर की मानसिक शांति को भंग कर सकती है।
  • बोनसाई: बोनसाई कला में पौधों की प्राकृतिक वृद्धि को कृत्रिम रूप से बाधित किया जाता है। वास्तु के अनुसार, रुक गई वृद्धि वाला यह पौधा स्वामी के करियर और व्यवसाय की उन्नति में अवरोध पैदा करता है।
  • शुष्क एवं मृत पौधे: मुरझाए हुए फूल या सूखे हुए पौधे घर में मृत ऊर्जा (Dead Energy) का विस्तार करते हैं, जो दुर्भाग्य को आमंत्रण देता है।

वास्तु दोष का प्रभाव एवं उपचार

वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार, “भवन में ऊर्जा का संतुलन ही सफलता की कुंजी है। यदि अनजाने में ये पौधे घर में लगा दिए गए हैं, तो इन्हें आदरपूर्वक निकालकर किसी उद्यान या मंदिर परिसर में लगाना चाहिए।”

आर्थिक स्थिरता के लिए सलाह:

  • ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में तुलसी का पौधा लगाएं।
  • सकारात्मकता के लिए मनी प्लांट को आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में रखें।
  • सूखे पत्तों की नियमित छंटाई करते रहें।

गृह वाटिका सजाते समय सौंदर्यशास्त्र के साथ-साथ वास्तु सम्मत नियमों का पालन अनिवार्य है, ताकि आपका घर केवल सुंदर ही नहीं, बल्कि समृद्धि और शांति का केंद्र भी बने।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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