द लोकतंत्र: वास्तुशास्त्र (Vastu Shastra) में घर की हर चीज़ और हर दिशा का विशेष महत्व बताया गया है। यहां तक कि बाथरूम और उसका दरवाज़ा भी आपके जीवन की खुशहाली और स्वास्थ्य पर असर डालता है। अक्सर लोग लापरवाही में बाथरूम का दरवाज़ा खुला छोड़ देते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार यह आदत आर्थिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
बाथरूम को नकारात्मक स्थान क्यों माना जाता है?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, बाथरूम घर का वह हिस्सा है जहां गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) एकत्रित होती है। यहां से निकलने वाली नमी, बदबू और गंदगी न केवल घर के वातावरण को दूषित करती है बल्कि परिवार के स्वास्थ्य और शांति पर भी बुरा असर डालती है। यही कारण है कि बाथरूम को घर का अशुभ कोना माना गया है।
क्यों खुला नहीं छोड़ना चाहिए बाथरूम का दरवाज़ा?
आर्थिक नुकसान
वास्तुशास्त्र कहता है कि खुला बाथरूम का दरवाज़ा घर से धन को बाहर खींच लेता है। इससे आर्थिक अस्थिरता, अचानक खर्च और पैसों की तंगी का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर अगर बाथरूम का दरवाज़ा घर के मुख्य द्वार के सामने हो तो यह और भी ज्यादा हानिकारक होता है।
स्वास्थ्य पर असर
बाथरूम में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा घर के सदस्यों को प्रभावित कर सकती है। इससे बीमारियां बढ़ सकती हैं और मानसिक शांति भी भंग हो सकती है।
सकारात्मक ऊर्जा का नुकसान
घर में मौजूद पॉजिटिव एनर्जी भी बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा से मिलकर कमज़ोर हो जाती है। इसका असर घर के माहौल पर पड़ता है और घर का वातावरण भारी और उदास हो सकता है।
बाथरूम का दरवाज़ा बंद रखने के फायदे
नकारात्मक ऊर्जा नियंत्रित रहती है – दरवाज़ा बंद रखने से नेगेटिव एनर्जी बाहर नहीं फैलती।
धन की बचत होती है – यह आदत घर की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद करती है।
घर में शांति बनी रहती है – परिवार के बीच सामंजस्य और सुख-शांति बनी रहती है।
स्वास्थ्य बेहतर रहता है – इससे बीमारियों का खतरा कम होता है और मानसिक तनाव भी दूर होता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, बाथरूम का दरवाज़ा हमेशा बंद रखना शुभ माना गया है। यह न केवल घर की ऊर्जा संतुलित रखता है बल्कि धन, स्वास्थ्य और रिश्तों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए आज से ही इस आदत को अपनाकर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रख सकते हैं।