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Vastu Tips For Home: घर में सुख-समृद्धि और पॉज़िटिव एनर्जी के लिए अपनाएं ये 5 वास्तु उपाय

the loktantra

द लोकतंत्र: घर सिर्फ ईंट और पत्थरों का ढांचा नहीं होता, बल्कि उसमें ऊर्जा का प्रवाह भी होता है। वास्तु शास्त्र मानता है कि घर की बनावट और सजावट का सीधा असर वहां रहने वालों की खुशहाली, धन और रिश्तों पर पड़ता है। अगर घर का वास्तु संतुलित हो तो सकारात्मक ऊर्जा अपने आप घर में आती है और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। आइए जानते हैं 5 महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स, जिनसे आपका घर सुख-समृद्धि और शांति से भर सकता है।

मुख्य द्वार का महत्व
वास्तु शास्त्र कहता है कि घर का मुख्य द्वार ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार है। इसे हमेशा साफ-सुथरा और रोशनी से भरपूर रखना चाहिए। दरवाजे के सामने जूते-चप्पल, कचरा या गंदगी रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है।

तुलसी और हरे पौधों का स्थान
घर में तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। तुलसी वातावरण को शुद्ध करने के साथ घर में पॉज़िटिव एनर्जी भी बढ़ाती है। ध्यान रहे कि घर के भीतर कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस रखने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

रसोई का स्थान और दिशा
घर की रसोई को आग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। गैस चूल्हे को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे घर में विवाद और धन हानि हो सकती है।

आईना लगाने के नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार आईना (Mirror) कभी भी बिस्तर के ठीक सामने नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है और मानसिक तनाव बढ़ता है। शुभ परिणामों के लिए आईना पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए।

जल तत्व का महत्व
पानी को जीवन का प्रतीक माना गया है। घर में मछलीघर या फव्वारा उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से धन और सौभाग्य बढ़ता है। वहीं दक्षिण दिशा में पानी से जुड़ी कोई भी वस्तु रखना अशुभ माना जाता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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