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घने कोहरे में यात्रा से पहले जपें Ramcharitmanas Chaupai, बागेश्वर बाबा ने बताई हनुमान जी की रक्षा का मंत्र

The loktnatra

द लोकतंत्र : उत्तर भारत में घने कोहरे के कारण सड़क हादसों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। मंगलवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर सात बसों और तीन कारों के टकराने की भीषण दुर्घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हुए। इस तरह की भीषण अनहोनी से बचने के लिए आध्यात्मिक जगत में रामचरितमानस की एक पवित्र चौपाई का जिक्र फिर से तेज हो गया है। बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री सहित जगद्गगुरु स्वामी संदीपनी ने वाहन चालकों और यात्रियों को इस चौपाई का नियमित जाप करने की सलाह दी है।

बागेश्वर बाबा और स्वामी संदीपनी की सलाह

बागेश्वर बाबा का कहना है कि वाहन चालकों को यह चौपाई हमेशा याद रखनी चाहिए और यात्रा शुरू करने से पहले इसका जाप करना चाहिए:

“चलत बिमान कोलाहल होई। जय रघुबीर कहइ सबु कोई।।”

  • सुरक्षा का आध्यात्मिक कवच: धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि जो व्यक्ति इस चौपाई को बोलकर वाहन पर बैठता है, उसकी कभी अनहोनी नहीं होगी और हनुमान जी स्वयं उसकी रक्षा करते हैं।
  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश: जगद्गगुरु स्वामी संदीपनी ने कहा कि यह चौपाई किसी भी यात्रा के दौरान रक्षा और सुरक्षा का मंत्र है और इसकी शक्ति से सभी नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होकर यात्रा सुरक्षित और सुगम बनती है।

चौपाई का संदर्भ: लंका काण्ड की घटना

स्वामी संदीपनी ने इस चौपाई का धार्मिक संदर्भ भी स्पष्ट किया है।

  • युद्ध के बाद का वर्णन: यह पवित्र चौपाई रामचरितमानस के लंका काण्ड का एक भाग है। यह उस समय का वर्णन करती है, जब भगवान राम ने लंका का युद्ध जीतकर रावण को पराजित किया था और सीताजी, लक्ष्मण जी सहित अन्य लोगों के साथ पुष्पक विमान पर अयोध्या के लिए सवार हुए थे। उस समय विमान में शोर मचने लगा और सभी लोग प्रभु श्री राम की स्तुति में ‘जय रघुबीर’ का घोष करने लगे थे।

स्वाति नक्षत्र में यात्रा का महत्व

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, इन दिनों चल रहे स्वाति नक्षत्र में यात्रा के संबंध में भी चर्चा की जा रही है।

  • नक्षत्र की स्थिति: सोमवार (15 दिसंबर) को चित्रा नक्षत्र समाप्त हुआ और उसके बाद स्वाति नक्षत्र शुरू हुआ, जो मंगलवार (16 दिसंबर) को दोपहर तक समाप्त होगा।
  • शुभ संकेत: ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, स्वाति नक्षत्र यात्रा के लिए अशुभ नहीं माना जाता है। बल्कि, इसके स्वामी राहु के कारण यह यात्रा के लिए शुभ है। यह नक्षत्र स्वतंत्रता और परिवर्तन का प्रतीक है, जिससे इस अवधि में की गई यात्राएं अक्सर सफल और लाभदायक होती हैं। हालांकि, अशुभ तिथि या दिशा में यात्रा करने से सावधानी बरतनी चाहिए।

Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय सामान्य जानकारियों पर आधारित है। किसी भी भीषण दुर्घटना से बचने के लिए सुरक्षा नियमों और यातायात के नियमों का पालन करना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

Uma Pathak

Uma Pathak

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उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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