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Google की चेतावनी: ‘Public Wi-Fi’ बन चुका है साइबर अपराधियों का ‘सेफ ज़ोन’, मोबाइल स्कैम्स से सालाना $400 बिलियन की ठगी

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द लोकतंत्र : तकनीकी दिग्गज गूगल (Google) ने हालिया ‘Android: Behind the Screen’ रिपोर्ट के माध्यम से एक गंभीर सुरक्षा चेतावनी जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, एयरपोर्ट, कैफ़े और होटलों में उपलब्ध सार्वजनिक Wi-Fi नेटवर्क अब साइबर अपराधियों के लिए सबसे आसान और सुरक्षित रास्ता बन चुके हैं। कंपनी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ये असुरक्षित नेटवर्क यूज़र्स की निजी जानकारी, बैंक विवरण और गोपनीय चैट चुराने का एक बड़ा माध्यम बन चुके हैं, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।

पिछले कुछ वर्षों में, दुनिया भर में मोबाइल स्कैम्स की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। Google की रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल फ्रॉड अब एक विशाल वैश्विक इंडस्ट्री का रूप ले चुका है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पिछले वर्ष दुनियाभर में अनुमानित $400 बिलियन (33 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की ठगी अकेले मोबाइल स्कैम्स के ज़रिए हुई, जिसमें अधिकांश पीड़ितों को उनका पैसा कभी वापस नहीं मिला। यह आँकड़ा इस खतरे की भयावहता को दर्शाता है।

यद्यपि यह रिपोर्ट सीधे तौर पर सरकारी नहीं है, लेकिन केंद्र सरकारें और साइबर सुरक्षा एजेंसियां (CERT-In) समय-समय पर सार्वजनिक Wi-Fi के जोखिमों के बारे में चेतावनी जारी करती रही हैं। ऐसे नेटवर्क अक्सर एन्क्रिप्शन रहित होते हैं, जिससे ‘मैन-इन-द-मिडल’ (MITM) हमले आसान हो जाते हैं। सरकारें लगातार डिजिटल लेनदेन करते समय व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वी पी एन (VPN) का उपयोग करने या मोबाइल डेटा पर स्विच करने की सलाह देती हैं।

Google ने बताया कि अब साइबर अपराधी अकेले काम नहीं करते, बल्कि एक संगठित नेटवर्क के रूप में संचालित हो रहे हैं। वे चोरी हुए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हैं, लाखों फ़िशिंग मैसेज भेजने के लिए ऑटोमेटेड सिस्टम का उपयोग करते हैं, और Phishing-as-a-Service टूल्स से असली दिखने वाली नकली वेबसाइटें बनाते हैं। अपराधी कम लागत वाले सिम कार्ड वाले देशों में जाकर नए स्कैम लॉन्च करते हैं, जैसे कि फेक डिलीवरी, टैक्स अलर्ट या आकर्षक नौकरी/रिलेशनशिप ऑफर भेजकर लोगों को भावनात्मक रूप से फंसाते हैं।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, हैकर्स अब केवल तकनीकी खामियों पर निर्भर नहीं हैं। वे भावनात्मक ब्लैकमेल (Emotional Blackmail) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ऐसे संदेश भेजते हैं जो डर या घबराहट पैदा करते हैं—जैसे “आपका बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा”—जिससे पीड़ित बिना सोचे-समझे अपनी गोपनीय जानकारी साझा कर देते हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी तत्काल कार्रवाई वाले संदेश पर प्रतिक्रिया देने से पहले उसके स्रोत की पुष्टि करना अनिवार्य है।

Google की यह रिपोर्ट भारत सहित विश्वभर के यूज़र्स के लिए एक गंभीर जागरूकता अलार्म है। ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग या वित्तीय लॉगिन करते समय पब्लिक Wi-Fi का उपयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए। यूज़र्स को सलाह दी जाती है कि वे Wi-Fi की ‘ऑटो कनेक्ट’ सेटिंग बंद रखें, हमेशा सुरक्षा अपडेट्स इंस्टॉल करें और किसी भी अनजान मैसेज पर जवाब देने से पहले ठहरकर सोचें। व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा अब केवल एक तकनीकी आवश्यकता नहीं, बल्कि एक अनिवार्य जीवनशैली आदत बन गई है।

Team The Loktantra

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