द लोकतंत्र : क्लाउड सिक्योरिटी कंपनी Zscaler की हालिया रिपोर्ट ThreatLabz 2025 Mobile, IoT और OT Threat Report ने भारत में साइबर सुरक्षा की स्थिति को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल अटैक टारगेट बन चुका है, जहां जून 2024 से मई 2025 के बीच मोबाइल साइबर हमलों में तेज़ उछाल देखा गया है। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि भारतीय यूज़र्स द्वारा अब तक 4 करोड़ से ज़्यादा बार खतरनाक Android ऐप्स डाउनलोड की जा चुकी हैं, जो आम यूटिलिटी टूल्स के रूप में खुद को पेश कर रही थीं।
पृष्ठभूमि और हमलों की भयावहता
Zscaler ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि उसने 239 खतरनाक ऐप्स की पहचान की, जो गूगल प्ले स्टोर पर फ़ाइल मैनेजर, वर्क टूल्स या परफॉर्मेंस बूस्टर जैसे नामों से यूज़र्स के फ़ोन में घुस गईं। इन ऐप्स ने लाखों डाउनलोड जुटा लिए थे, जिसके बाद गूगल को इन्हें प्ले स्टोर से हटाना पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत अकेले दुनियाभर के 26% मोबाइल अटैक झेल रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 38% ज़्यादा है। समग्र रूप से, पिछले साल की तुलना में 67% ज़्यादा Android मालवेयर ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए हैं।
हैकर का बदलता फोकस: बैंकिंग ट्रोजन और जासूसी
साइबर अपराधियों की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब हैकर्स पारंपरिक कार्ड फ्रॉड (Card Fraud) के बजाय मोबाइल पेमेंट चोरी और डिवाइस ट्रैकिंग (जासूसी) पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। स्पायवेयर और बैंकिंग ट्रोजन सबसे बड़ी चिंता बने हुए हैं।
डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) और UPI सिस्टम की अभूतपूर्व लोकप्रियता के चलते भारत अब साइबर अपराधियों के लिए एक ‘हाई वैल्यू टारगेट’ बन चुका है। हैकर्स अब सीधे यूज़र के वित्तीय लेनदेन को निशाना बना रहे हैं।
महत्वपूर्ण उद्योगों पर भी गंभीर खतरा
साइबर हमले अब केवल आम यूज़र्स तक सीमित नहीं रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हैकर्स अब देश के महत्वपूर्ण उद्योगों (Critical Infrastructure) को भी निशाना बना रहे हैं।
- ऊर्जा क्षेत्र (Energy Sector) में 387% तक साइबर हमले बढ़े हैं।
- मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) और ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) सेक्टर में IoT मालवेयर के 40% से ज़्यादा मामले सामने आए हैं।
यह दर्शाता है कि देश की औद्योगिक और आर्थिक रीढ़ पर भी डिजिटल हमलों का गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
विशेषज्ञ सलाह और आगे की राह
भले ही गूगल ने खतरनाक ऐप्स हटा दी हों, लेकिन लाखों डिवाइस अब भी ख़तरे में हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ आम जनता और उद्योगों दोनों के लिए तुरंत सतर्कता बरतने की सलाह देते हैं:
- संदेहास्पद ऐप्स को तुरंत हटाएं: अनजान या संदिग्ध ऐप्स को बिना देर किए डिवाइस से डिलीट करें।
- केवल आधिकारिक स्टोर: ऐप डाउनलोड करने के लिए केवल Google Play Store का उपयोग करें।
- सुरक्षा सुविधाओं का उपयोग: फ़ोन को नवीनतम सुरक्षा पैच के साथ अपडेटेड रखें और Play Protect को हमेशा ऑन रखें।
- भरोसेमंद सुरक्षा समाधान: एक भरोसेमंद मोबाइल सिक्योरिटी ऐप का इस्तेमाल करना चाहिए।
Zscaler की यह रिपोर्ट भारत के डिजिटल इकोसिस्टम के लिए एक आगाह करने वाली घंटी है। UPI की सुविधा ने आर्थिक तरक्की तो दी है, लेकिन इसके साथ ही यह देश को वैश्विक साइबर युद्ध के केंद्र में भी ले आया है। सरकार, उद्योग और आम जनता को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा, ताकि डिजिटल इंडिया का सपना सुरक्षित रूप से साकार हो सके।

