द लोकतंत्र : मेटा के स्वामित्व वाला प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, यूजर एंगेजमेंट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक नया और खास फीचर ‘ऑटो स्क्रॉल’ की टेस्टिंग कर रहा है। यह फीचर रील्स देखने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकता है, क्योंकि इसकी मदद से यूजर्स को बिना स्क्रीन को टच किए ही अगली रील देखने की सुविधा मिलेगी। जैसे ही वर्तमान रील खत्म होगी, अगली रील अपने आप चलने लगेगी। जहां यह सुविधा लंबे समय तक रील्स देखने वाले लोगों के लिए आरामदेह होगी, वहीं इससे रील्स देखने की लत और ज्यादा बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
ऑटो स्क्रॉल की कार्यप्रणाली और तकनीकी विवरण
इंस्टाग्राम पहले ही रील्स को ‘अनलिमिटेड’ कर चुका है, जहां एल्गोरिद्म यूजर की पसंद और रैंडम कंटेंट के आधार पर कभी न खत्म होने वाला कंटेंट स्ट्रीम करता है। ऑटो स्क्रॉल इसी दिशामें अगला कदम है।
- फीचर का स्थान: यह ऑप्शन फिलहाल रील्स के बॉटम राइट कॉर्नर में मौजूद हम्बर्गर आइकॉन (तीन डॉट या लाइनें) में दिखाई दे रहा है।
- कार्य प्रणाली: एक बार ‘ऑटो स्क्रॉल’ ऑन होने के बाद, जैसे ही कोई रील समाप्त होगी, ऐप स्वचालित रूप से अगली रील पर स्वाइप कर देगा। इससे यूजर्स को बार-बार स्क्रीन स्वाइप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- मौजूदा फीचर से तुलना: कंपनी पहले ही रील्स को फास्ट फॉरवर्ड करने का ऑप्शन दे चुकी है, जिसमें राइट साइड में टैप करके स्पीड बढ़ाई जा सकती है। ऑटो स्क्रॉल इस श्रृंखला में एक नई कड़ी है।
टेस्टिंग और संभावित प्रभाव का विश्लेषण
यह फीचर अभी सभी यूजर्स के लिए जारी नहीं किया गया है और केवल सीमित अकाउंट्स पर ही इसकी टेस्टिंग चल रही है। माना जा रहा है कि टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे ज्यादा यूजर्स के लिए रोलआउट किया जा सकता है।
- एंगेजमेंट में वृद्धि: तकनीकी जानकारों का मानना है कि यह सुविधा रील्स देखने के दौरान यूजर के प्रयास को कम करती है, जिससे उनके द्वारा व्यतीत किया गया समय (Screen Time) बढ़ने की पूरी संभावना है। यह सीधे तौर पर इंस्टाग्राम के विज्ञापन राजस्व को लाभ पहुंचाएगा।
- सामाजिक चुनौती: हालांकि, निरंतर और स्वचालित सामग्री की यह धारा यूजर्स में ‘डोपामाइन लूप’ को मजबूत कर सकती है, जिससे सोशल मीडिया पर निर्भरता और लत की समस्या गंभीर हो सकती है।
यह फीचर दर्शकों के लिए सुविधाजनक होने के साथ-साथ, तकनीकी मंचों द्वारा उपयोगकर्ता व्यवहार को नियंत्रित करने की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है। यूजर्स को स्वयं ही अपने स्क्रीन टाइम को लेकर सचेत रहने की आवश्यकता होगी।

