द लोकतंत्र : क्रिसमस और नव वर्ष के आगमन के साथ ही जहाँ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भारी छूट और सेल की धूम है, वहीं साइबर अपराधियों ने भी भोले-भाले उपभोक्ताओं को लूटने के लिए अत्याधुनिक जाल बिछा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रसार ने ऑनलाइन धोखाधड़ी को इतना सटीक बना दिया है कि असली और फर्जी के बीच अंतर कर पाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गया है। आंकड़े बताते हैं कि त्योहारी सीजन के दौरान साइबर हमलों में पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्कैमर्स की मोडस ऑपरेंडी: सावधानी ही सुरक्षा
अपराधी मनोविज्ञान का लाभ उठाते हुए स्कैमर्स मुख्यतः तीन तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं:
- फेक डिलीवरी स्कैम: उपभोक्ताओं के पास ‘अपूर्ण पते’ या ‘पेंडिंग पार्सल’ के नाम पर फर्जी SMS भेजे जाते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही एक ऐसी वेबसाइट खुलती है जो हूबहू नामचीन कूरियर कंपनियों जैसी दिखती है। वहां एड्रेस अपडेट करने के बहाने आपकी बैंकिंग डिटेल्स हैक कर ली जाती हैं।
- भ्रामक सोशल मीडिया गिवअवे: इंस्टाग्राम और फेसबुक पर विज्ञापन दिखाए जाते हैं कि आप महंगे स्मार्टफोन या गैजेट जीत चुके हैं। इनाम प्राप्त करने के लिए केवल ‘शिपिंग शुल्क’ देने को कहा जाता है, जो वस्तुतः आपके बैंक खाते तक पहुंचने का एक जरिया होता है।
- क्लोन वेबसाइट्स: स्कैमर्स मशहूर ब्रांड्स की नकली वेबसाइट तैयार करते हैं। यूजर को भारी डिस्काउंट का लालच देकर भुगतान कराया जाता है, परंतु ऑर्डर कभी डिलीवर नहीं होता।
विशेषज्ञ परामर्श और बचाव के सूत्र
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी उपायों से अधिक महत्वपूर्ण उपभोक्ता की जागरूकता है।
प्रमुख सुरक्षा टिप्स:
- URL की जांच: शॉपिंग से पहले हमेशा देखें कि वेबसाइट का एड्रेस ‘https://’ से शुरू हो रहा हो और उसमें कोई स्पेलिंग मिस्टेक न हो।
- अनजान लिंक: व्हाट्सएप या ईमेल पर आए अनजान लिंक्स को बिना पुष्टि के न खोलें।
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: अपने सभी बैंकिंग और शॉपिंग एप्स पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन सक्रिय रखें।
साइबर हाइजीन की अनिवार्यता
आगामी वर्षों में, जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा, साइबर हाइजीन व्यक्तिगत स्वच्छता जितनी ही महत्वपूर्ण हो जाएगी। सरकार और बैंकिंग संस्थानों को एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम मजबूत करने की आवश्यकता है। उपभोक्ताओं को यह समझना होगा कि इंटरनेट पर मिलने वाला हर लुभावना ऑफर वास्तविक नहीं होता।
निष्कर्षतः, सतर्कता ही सुरक्षा है। त्योहारी सीजन में डिजिटल लेनदेन करते समय थोड़ी सी सावधानी आपकी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकती है।

